Ken Betwa Link Pariyojna सांसद VD शर्मा के प्रयास रंग लाये, केन-बेतवा लिंक प्राेजेक्ट के लिए 1400 कराेड़ मंजूर, CM शिवराज ने जताया आभार
Ken Betwa Link Pariyojna सांसद VD शर्मा के प्रयास रंग लाये, केन-बेतवा लिंक प्राेजेक्ट के लिए 1400 कराेड़ मंजूर, CM शिवराज ने जताया आभार
Ken Betwa Link Pariyojna मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का महत्वकांक्षी केन-बेतवा लिंक प्राेजेक्ट का काम अब जल्द धरातल पर आने के आसार बढ़ गए हैं। इस प्राेजेक्ट के लिए कैबिनेट की मंजूरी पहले ही मिल चुकी थी और अब बजट में भी इस प्राेजेक्ट के लिए 1400 कराेड़ की राशि का आवंटन किया गया है। आपको बता दें कि इस परियोजना के लिए क्षेत्रीय सांसद तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा निरन्तर प्रयासरत थे। बजट में स्वीकृति के बाद सांसद श्री शर्मा के प्रयास सफलीभूत हुए हैं।
जानकाराें की मानें ताे ये प्राेजेक्ट बुंदेलखंड के विकास की नई इबारत लिखने में मील का पत्थर साबित हाेगा। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने इसकाे लेकर ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी का आभार जताया है। साथ ही कहा है कि इससे परियाेजना काे गति मिलेगी और बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि आएगी।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना से मध्य प्रदेश के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी जिलों को पानी मिलेगा, वहीं यूपी के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों में बारहमासी सूखा प्रवण क्षेत्र और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में 10.62 लाख हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। इसके साथ ही यह परियोजना 62 लाख लोगों को पेयजल भी उपलब्ध कराएगी। इससे इस बात के संकेत मिल गए हैं कि बुंदेलखंड के एमपी और यूपी के 12 जिलों को पानी देने वाली 15 साल से अटकी केन-बेतवा लिंक परियोजना अब जल्द ही धरातल पर आकार लेने लगेगी।
जानिए क्या था विवाद
मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच जल बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, जिसके कारण ये प्राेजेक्ट शुरू नहीं हाे पा रहा था। इसमें वर्ष 2005 में उत्तर प्रदेश को रबी फसल के लिए 547 एमसीएम और खरीफ फसल के लिए 1153 एमसीएम पानी देना तय हो गया था। वर्ष 2018 में यूपी की मांग पर रबी फसल के लिए 700 एमसीएम पानी देने पर सहमति बनी, बाद में केंद्र सरकार ने यूपी को 788 एमसीएम पानी देना तय कर दिया था। मगर यूपी सरकार ने जुलाई 2019 में 930 एमसीएम पानी की मांग की, जिसे देने से एमपी सरकार ने असहमति जताई थी।