Kidney Disease Treatment स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के क्षेत्र में बड़ी छलांग सामने आई जब एक आर्टिफिशियल किडनी का टेस्ट सफल हुआ. अब किडनी रोगियों को डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट लिस्ट से फ्री होने का समय आ गया है. इस मामले में इसे बनाने वाली टीम को 6 लाख 50 हजार डॉलर का प्राइज भी मिला है.
आर्टिफिशियल किडनी के लिए इस कंपनी ने दिया प्राइज
‘स्कूल ऑफ फॉर्मेसी’ की एक स्टडी के अनुसार, इस प्राइज को देने वाली किडनीएक्स की यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस और अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के बीच एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप है. ये संस्थान किडनी की बीमारियों की रोकथाम, निदान और ट्रीटमेंट में नए एक्सपेरिमेंट में तेजी लाने का काम करता है.
आर्टिफिशियल किडनी में दो जरूरी पार्ट
- ये किडनी प्रोजेक्ट एक राष्ट्रव्यापी सहयोग से चल रहा है जिसे शुवो राय PhD of UC San Francisco और विलियम फिसेल MD of Vanderbilt University Medical Center लीड कर रहे हैं. आर्टिफिशियल किडनी में दो जरूरी पार्ट होते हैं हीमोफिल्टर और बायोरेक्टर, इन दोनों स्मार्टफोन साइज के डिवाइस को सफलतापूर्वक मरीज में प्रत्यारोपण कर देखा गया. इस काम के लिए टीम को किडनीएक्स के फेज 1 आर्टिफिशियल किडनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
इस तरह हुए टेस्ट
पिछले कुछ वर्षों में इस किडनी प्रोजेक्ट ने हेमोफिल्टर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो रक्त से अपशिष्ट उत्पादों और विषाक्त पदार्थों को निकालता है और बायोरिएक्टर जो अन्य गुर्दा कार्य जैसे रक्त में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन करता है.
अभी तक किडनी खराब होने पर ऐसे मिलती थी राहत
किडनी के सबसे ज्यादा मरीजों को खून लेने के लिए हर हफ्ते कई बार डायलिसिस के क्लीनिक जाना होता है. इसमें उन्हें फ़िल्टर किया गया खून चढा़ना होता है जो एक असुविधाजनक और जोखिम भरा होता है. इसके अलावा इसके स्थाई इलाज के लिए किडनी दान में लेनी होती है जिसकी बहुत ज्यादा मांग होती है. इस वजह से आर्टिफिशियल किडनी की टेस्टिंग बहुत बड़ी खोज है.