Lapse In PM Security: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला पंजाब के सबसे संवेदनशील क्षेत्र में फंसा था। अधिकारियों की सांसें अटकी रहीं तो वहीं दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक फोन घनघनाने लगे। 20 मिनट बाद जब पीएम का काफिला लौटा तो अधिकारियों ने थोड़ी राहत महसूस की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला बुधवार को तकरीबन 20 मिनट बेहद असुरक्षित एरिया में रुका रहा। इस दौरान अधिकारियों की सांसें अटकी रहीं। कारण यह था कि जिस इलाके में मोदी का काफिला रुका था, वह आतंकियों के अलावा हेरोइन तस्करों का गढ़ माना जाता रहा है। पिछले साल सितंबर माह में इसी क्षेत्र में आतंकी वारदात को अंजाम दिया गया था। लिहाजा केंद्रीय गृह मंत्रालय के अलावा पीएम सिक्योरिटी के तमाम अधिकारियों के चेहरे पर शिकन पैदा होना जायज था।
तलवाई भाई से कुछ दूरी पर जहां काफिला रुका, वहां से भारत-पाक सीमा महज 30 किलोमीटर दूर है और इस क्षेत्र में लगातार टिफिन बम और अन्य विस्फोटक पदार्थ मिलते रहे हैं। जलालाबाद कस्बे में 15 सितंबर 2021 में धमाका हुआ, वह भी फिरोजपुर के नजदीक है और केंद्रीय एजेंसियों की जांच में साफ हो चुका है कि वह आतंकी हमला था।
बठिंडा एयरपोर्ट पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री सड़क के रास्ते फिरोजपुर के लिए रवाना हुए। उनका काफिला बठिंडा-फिरोजपुर फोरलेन से होते हुए निकला। एसपीजी प्रोटोकॉल के तहत प्रधानमंत्री के आने-जाने के लिए जो रूट इस्तेमाल किया जाता है, उस रास्ते की हर तरह से जांच की जाती है। सुबह 7 बजे से 9 बजे तक हाईवे पर कहीं कोई रुकावट नहीं थी। दोपहर 12 बजे के बाद अचानक चीजें बिगड़ती चली गईं और किसान संगठनों के सदस्य व शरारती तत्व हाईवे तक पहुंचने में कामयाब हो गए।
लंबे समय से पाकिस्तान में शरण लेकर बैठे इंडियन सिख यूथ फेडरेशन के चीफ लखबीर सिंह रोडे का इलाका निकट में ही है। लखबीर सिंह रोडे ने पाकिस्तान से टिफिन बम की डिलीवरी ड्रोन के जरिए की थी। एक आतंकी ने स्वीकार किया था कि एक-दो टिफिन बम की डिलीवरी फिरोजपुर में की जा चुकी है।
बताते हैं कि जब पीएम का काफिला रुका तो मौके पर खड़े अधिकारियों से लेकर चंडीगढ़ पुलिस हेडक्वार्टर में हड़कंप मच गया और वायरलेस पर मैसेज आने शुरू हो गए। पीएम का काफिला जब यूटर्न लेकर वापस बठिंडा की तरफ रवाना हुआ तो अधिकारियों ने राहत की सांस ली।