उत्कृष्ट विद्यालय कटनी में क्रांतिकारी महर्षि अरविंद घोष की जयंती के उपलक्ष्य में व्याख्यान माला कार्यक्रम आयोजित
कटनी। मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद जिला कटनी के द्वारा देश के महान क्रांतिकारी महर्षि श्री अरविंद घोष जी की जयंती के उपलक्ष्य में हम भारतीय बने विषय पर जिला स्तरीय व्याख्यान माला कार्यक्रम का आयोजन उत्कृष्ट विद्यालय कटनी में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा महर्षि अरविंद के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन करके किया गया। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत किया गया ।
कार्यक्रम की पहली कड़ी में जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक महोदय डॉ. तेज सिंह केशवाल ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए संपूर्ण कार्यक्रम की रूपरेखा के माध्यम से बताया कि महर्षि अरविंद घोष जी की जयंती के उपलक्ष्य में जन अभियान परिषद के द्वारा व्याख्यान माला का आयोजन संपूर्ण मध्य प्रदेश में15 अगस्त से 30 अगस्त तक किया जा रहा है, इस कार्यक्रम का उद्देश्य श्री अरविंद जी के महान कार्यों , उनके विचारों , उनके आध्यात्मिक जीवन , उनकी वीरता के बारे में जन-जन तक पहुंचाना और युवाओं को जागरूक करना है।
इसके पश्चात कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री आर्य समाज के जिला प्रमुख श्री अश्विनी सहगल ने विस्तार से महर्षिअरविंद जी के जीवन प्रसंगों पर जानकारी देते हुए बताया कि भारत देश में एक से बढ़कर एक क्रांतिकारी हुए, जिन्होंने भारत को आजाद कराने में अपनी अहम भूमिका निभाई, 15 अगस्त 1872 में महर्षि अरविंद घोष का जन्म हुआ था, कोलकाता में जन्मे अरविंद घोष बंगाल के महान क्रांतिकारियों में से एक थे। उनके पिता के. डी. कृष्णधन घोष एक डॉक्टर थे , इसके बाद भी उन्होंने राष्ट्र प्रथम के भाव को अपना अंतिम लक्ष्य मानते हुए स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारी बनना स्वीकार किया, जिसके कारण मुकदमा चलने के बाद उन्हें जेल में डाला गया और अलीपुर जेल में उन्हें रखा गया। यहां से उनका जीवन पूरी तरह बदला और वे यहां साधना और तप करने लगे। महर्षि अरविंद यहां गीता पढ़ा करते थे, और भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करते थे। कहा जाता है कि उन्हें अलीपुर जेल में ही भगावन कृष्ण के दर्शन हुए।
वहीं, जब वे जेल से बाहर आए, तो आंदोलन से नहीं जुड़े और 1910 में पुड्डचेरी चले गए और यहां उन्होंने योग द्वारा सिद्धि प्राप्त की। यहां उन्होंने अरविंद आश्रम ऑरोविले की स्थापना की थी और काशवाहिनी नामक रचना की, जिसमें उन्होंने लिखा कि धन को विलास के लिए खर्च करना एक प्रकार से चोरी होगी।
तत्पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री दीपक टंडन ने भी व्याख्यानमाला पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि महर्षि अरविंद एक महान योगी और दार्शनिके थे। उन्होंने योग साधना पर कई मौलिक ग्रंथ लिखे। एक योगी, दार्शनिक, कवि और भारतीय राष्ट्रवादी थे जिन्होंने आध्यात्मिक विकास के माध्यम से पृथ्वी पर दिव्य जीवन का दर्शन दिया है।
गायत्री परिवार के जिला समन्वयक प्रफुल्ल कुमार सोनी ने भी अरविंद जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहां की“ शिक्षा का लक्ष्य अध्यात्म की प्राप्ति होना है,। आयोजन में उपस्थित अतिथि वक्ता डॉ श्री राम पाठक ने अपने विचार प्रबोधन के माध्यम से कहा कि महर्षि अरविंद ने स्वंय लिखाष् सच्ची व वास्तविक शिक्षा वह है जो बालक का सार्वागीण विकास करके उसे आध्यात्मिक विकास में सहायता प्रदान करे , उनके अनुसार शिक्षा के चार अन्तः करण होते हैं, मन, बुद्धि, चिंतन एवं ज्ञान । अनुसार उसका सर्वागीण विकास करके उसका नैतिक, बौद्धिक, सामाजिक विकास का आध्यात्मिक विकास में सहायता करें। उन्होंने स्वंय लिखाष् सच्ची व वास्तविक शिक्षा वह ह आध्यात्मिक राष्ट्रवाद को श्आदर्श राज्यश् के रूप में प्रस्तुत करते है और यही आदर्श राज्य स्वराज का रूप लेता है। महर्षि अरविन्दजी का लक्ष्य था एक आदर्श आध्यात्मिक समाज कि स्थापना करना उनका मानना था कि एक पूर्ण समाज अपूर्ण व्यक्तियों द्वारा नहीं बन सकता और बिना आध्यात्म के व्यक्ति कि पूर्णता सम्भव नहीं है।
कार्यक्रम का संचालन जन अभियान परिषद के विकासखंड समन्वयक बालमुकुंद मिश्र ने किया। आयोजन में आनंद विभाग के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर अनिल कांबले, लेखापाल रविकांत श्रीवास्तव,जन अभियान परिषद से जुड़ी नवांकुर संस्थाओं , प्रस्फुटन समितियों के प्रतिनिधि, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के परामर्शदाता एवं छात्र-छात्राओं की विशेष उपस्थिति रही।