लॉर्ड्स। झूलन गोस्वामी की उम्दा गेंदबाजी से इंग्लैंड रविवार को महिला विश्व कप फाइनल में भारत के खिलाफ गहरे संकट में आ गया। इंग्लैंड ने 38 अोवरों में 6 विकेट पर164 रन बना लिए हैं। कैथरीन ब्रंट 10 और जैनी गुन बगैर रन बनाए क्रीज पर हैं।
इससे पहले इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। दोनों टीमों ने इस खिताबी मुकाबले के लिए प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव नहीं किया है। राजेश्वरी गायकवाड़ ने लॉरेन विनफील्ड (24) को राउंड द लेग्स बोल्ड किया। विनफील्ड जब 22 रनों पर थी तब अंपायर जॉर्ज ने उन्हें झूलन गोस्वामी की गेंद पर एलबीडब्ल्यू करार दिया था, लेकिन विनफील्ड ने रिव्यू लिया और डीआरएस की मदद से वे नॉट आउट करार दी गई। इसके बाद ब्यूमॉन्ट जब 19 रनों पर थी तब गायकवाड़ की गेंद पर विकेटकीपर सुषमा ने उनका कैच छोड़ा। वैसे विनफील्ड जीवनदान का लाभ नहीं उठा पाई और 2 रन जोड़कर गायकवाड़ की शिकार बन गई।
अभी स्कोर 60 तक ही पहुंचा था कि पूनम यादव की लो फुलटॉस पर टैमी ब्यूमॉन्ट (23) ने डीप मिडविकेट पर झूलन गोस्वामी के हाथों में कैच थमा दिया। पूनम यादव की गेंद को खेलने में कप्तान हीथर नाइट (1) चूकी और गेंद उनके पैड्स पर लगी। विकेटकीपर सुषमा वर्मा की सलाह पर भारतीय कप्तान मिताली राज ने रेफरल लिया और थर्ड अंपायर ने नाइट को आउट करार दिया।
इंग्लैंड की स्थिति सुधरती दिख रही थी कि अनुभवी झूलन गोस्वामी ने दो गेंदों पर मेजबान टीम को दो झटके दिए। उन्होंने सारा टेलर (45) को विकेटकीपर सुषमा वर्मा के हाथों कैच कराया। फ्रॉन विल्सन खाता भी नहीं खोल पाई और झूलन ने अगली गेंद पर उन्हें एलबीडब्ल्यू कर दिया। नताली स्किवर ने 65 गेंदों में 5 चौकों की मदद से फिफ्टी पूरी की। वे इसके बाद टिक नहीं पाई और झूलन की गेंद को आगे निकलकर खेलने के चक्कर में एलबीडब्ल्यू हो गई। उन्होंने 51 रन बनाए।
मिताली राज की अगुआई वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम जब रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप फाइनल में उतरेगी तो उसके पास इतिहास रचने का मौका होगा। भारतीय टीम दूसरी बार विश्व कप फाइनल में खेलेगी और इस बार उसके पास मेजबान इंग्लैंड को हराकर पहली बार विश्व कप जीतने का सुनहरा मौका रहेगा। वैसे तो महिला विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड का दबदबा रहा है, लेकिन टीमों के वर्तमान प्रदर्शन को देखते हुए खिताबी मुकाबले में भारत का पलड़ा भारी रहने के आसार है। इंग्लैंड पहले कई बार विश्व कप में भारत को हरा चुकी है, लेकिन इस बार मिताली के पास पिछली सभी हार का बदला लेने का सुनहरा मौका है।
भारतीय टीम दूसरी बार विश्व कप फाइनल में पहुंची है। इससे पहले वह 2005 में दक्षिण अफ्रीका में खिताबी मुकाबले में पहुंची थी, जहां उसे ऑस्ट्रेलिया ने 98 रनों से हराया था।
1983 विश्व कप अभियान से तुलना : भारतीय महिला टीम के इस विश्व कप के अभियान की तुलना 1983 के पुरुष विश्व कप की खिताबी जीत से की जा रही है। उस वक्त कपिलदेव के जांबाजों ने सभी पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए विश्व कप जीत दुनिया को चौंकाया था। इसके बाद से ही भारत में क्रिकेट की पैंठ गहरी हुई थी और बाद में भारत ने वैश्विक क्रिकेट में अपने पैसे की धाक जमाई थी। इस बार भारतीय महिला टीम का अभियान भी कुछ इस तरह ही चल रहा है।
टीमें –
भारत : पूनम राउत, स्मृति मंधाना, मिताली राज (कप्तान), हरमनप्रीत कौर, दीप्ति शर्मा, वेदा कृष्णमूर्ति, शिखा पांडे, सुषमा वर्मा, झूलन गोस्वामी, राजेश्वरी गायकवाड़, पूनम यादव।
इंग्लैंड: लॉरेन विन्फील्ड, टैमी ब्यूमॉन्ट, हीथर नाइट (कप्तान), सराह टेलर, नताली शिवर, फ्रान विल्सन, कैथरीन ब्रंट, जैनी गुन, लॉरा मार्श, आन्या श्रबसोले, एलेक्स हार्टली।