भोपाल Madhya Pradesh Cabinet Expansion । मध्यप्रदेश में बुधवार को हो रहे कैबिनेट विस्तार में पूर्व मंत्री व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को एक बार फिर कैबिनेट में जगह मिल गई है।
गौरतलब है कि गोपाल भार्गव मध्यप्रदेश में वरिष्ठ भाजपा नेता हैं और आठ बार विधायक चुने गए हैं।
सियासी हलकों में ऐसा माना जाता है कि गोपाल भार्गव राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के काफी करीबी हैं और संघ के पसंद के कारण ही उन्हें कैबिनेट में जगह दी जाती रही है।
गोपाल भार्गव मध्यप्रदेश में भाजपा की ओर से एक ब्राह्मण चेहरे के रूप में स्थापित है। जब कुछ सीटों से पिछड़ते हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता से दूर रह गई और कमलनाथ सरकार बनी तो विधानसभा में गोपाल भार्गव ने ही जिम्मेदारी के साथ नेता-प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई।
गोपाल भार्गव का ऐसा रहा सियासी सफर
गोपाल भार्गव ने छात्र राजनीति के साथ अपनी सियासी सफर शुरू किया। कॉलेज के दिनों में उन्होंने कॉलेज के निर्माण के लिए आंदोलन किया था और इसके लिए जेल भी गए थे। इसके बाद गोपाल भार्गव 1980 में पहली बार गढ़ाकोटा नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए थे। बस यहीं से उनका सियासी सफर चल निकला।
इसके बाद 1984 में पहली बार रहली सीट वे विधायक चुने गए। इसके बाद जब उमा भारती की सरकार बनी तो उसमें भी उन्हें मंत्री पद दिया गया। इसके बाद साल 2008 में भी कैबिनेट में पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया था।
‘शादी बाबा’ के नाम से है मशहूर
गोपाल भार्गव को सियासी गलियारों में शादी बाबा के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल गोपाल भार्गव बीते कई सालों में वर्ष में दो बार सामूहिक शादी करवाते आ रहे हैं। यही कारण है कि उन्हें शादी बाबा के नाम से भी जाना जाने लगा है। फिलहाल गोपाल भार्गव मध्यप्रदेश विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं।