Lockdown in Delhi NCR: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इससे सटे एनसीआर के इलाकों में प्रदूषण रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार से पूछा है कि आखिर राजधानी में ऐसे हालात क्यों बने? अकेले किसानों को दोषी ठहराना सही नहीं है। एक गरीब किसान महंगी मशीन कैसे खरीदेगा? जजों ने माना कि दिल्ली की हवा सांस लेने योग्य नहीं है। उन्हें भी मास्क लगाना पड़ रहा है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि AQI को 500 से नीचे लाने के लिए क्या किया जा सकता है? सरकार लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाने पर विचार कर सकती है। अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
शनिवार सुबह AQI (Air Quality Index) 560 के स्तर पर पहुंच गया। आशंका जताई जा रही है कि अगले 2-3 दिनों में यह 600 के स्तर को पार कर जाएगा। यानी दिल्ली और एनसीआर की हवा सांस लेने योग्य नहीं रहेगी। यही कारण है कि अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बीच, दिल्ली में हर साल के प्रदूषण के मुद्दे पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। पिछले साल एक बालक ने यह याचिका दायर की थी।
केंद्र द्वारा संचालित प्रदूषण निगरानी प्रणाली के अनुसार, आज सुबह 6 बजे, 10 और 2.5 माइक्रोन के व्यास वाले पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) की सांद्रता क्रमशः 541 और 349 दर्ज की गई, दोनों ‘गंभीर’ श्रेणी में आते हैं। उत्तर प्रदेश के पड़ोसी नोएडा में भी वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई, जिसमें पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों की सांद्रता क्रमशः 772 और 523 रही। हरियाणा के गुरुग्राम में भी वायु प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ रहा।