Lokayukta Raid मध्यप्रदेश में सरकार भृष्टाचार पर भले ही जीरो टॉलरेंस रखने के लिए जुटी है पर शासन के अधिकारी रिश्वत लेने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। टीकमगढ़ में ताजा मामला आया यहां जिला कोषालय अधिकारी विभूति अग्रवाल और सहायक कोषालय अधिकारी शिवराम प्रजापति को 10 हजार की रिश्वत के साथ लोकायुक्त ने पकड़ा।
दफ्तर छोड़कर भाग गए
कलेक्ट्रेट स्थित जिला कोषालय शाखा में मंगलवार को दोपहर में लोकायुक्त पुलिस सागर की छापामार कार्रवाई हुई है। इसमें जिला कोषालय अधिकारी और सहायक कोषालय अधिकारी को लोकायुक्त पुलिस ने 10000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में हड़कंप मच गया और कई विभाग के प्रभारी अधिकारी दफ्तर छोड़कर भाग गए।
43 लाख रुपए के बिल का भुगतान होना था
लोकायुक्त डीएसपी राजेश खेड़े ने बताया कि टीकमगढ़ प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पूर्व में तैनात डॉ शिवेंद्र चौरसिया काफी समय पहले रिटायर हो गए थे। रिटायर होने के बाद उनका जीपीएफ, अर्जित अवकाश, मेडिकल सहित अन्य कार्यों को लेकर करीब 43 लाख रुपए के बिल का भुगतान जिला कोषालय कार्यालय से किया जाना था, जिसके एवज में जिला कोषालय अधिकारी विभूति अग्रवाल और सहायक कोषालय अधिकारी शिवराम प्रजापति द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी। इसमें डॉक्टर चौरसिया द्वारा पूर्व में ही 5000 रिश्वत के रूप में बातचीत के दौरान दे दिए गए थे। लेकिन इसके बाद 10000 मंगलवार को देना तय हुआ और मंगलवार को 10000 की रिश्वत लेते हुए जिला कोषालय अधिकारी विभूति अग्रवाल को पकड़ा है। इसमें सह आरोपी के रूप में सहायक कोषालय अधिकारी शिवराम प्रजापति भी शामिल है कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त सागर डीएसपी राजेश खेड़े, टीआइ मंजू सिंह सहित अन्य विशेष पुलिस स्थापना इकाई के सदस्य शामिल रहे।
कलेक्टोरेट में हड़कंप लोकायुक्त की कार्रवाई से टीकमगढ़ कलेक्टोरेट में कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। ट्रेजरी सहित अन्य विभागों के कर्मचारी दफ्तरों से गायब हो गए। जब तक लोकायुक्त की कार्रवाई चलती रही। तब तक कर्मचारी गायब ही रहे। कोई भी कर्मचारी लोकायुक्त टीम के सामने आने के लिए तैयार नहीं था। इससे टीम के खौफ का अंदाजा लगाया जा सकता है।