Lucknow News : मुख़्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट मामले में पांच साल की जेल, अंसारी को 2020 में विशेष कोर्ट द्वारा बड़ी किया जा चुका है
1999 में लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। एक विशेष अदालत ने वर्ष 2020 में अंसारी को बरी कर दिया था। सरकार की ओर से बरी करने के खिलाफ अपील दायर की थी।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench) ने गैंगस्टर एक्ट से जुड़े 23 साल पुराने एक मामले में शुक्रवार को यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (former MLA Mukhtar Ansari) को पांच साल कैद की सजा (Ansari jailed for five years) सुनाई है। बता दें कि न्यायमूर्ति डीके सिंह ने वर्ष 2020 में एमपी-एमएलए अदालत (MP/MLA Court) की ओर से मुख्तार को बरी करने का आदेश पारित किया। अब अदालत ने सजा के साथ अंसारी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
1999 में दर्ज हुआ था मुकदमा
उत्तर प्रदेश के वकील राव नरेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 1999 में लखनऊ के हजरतगंज थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मामले में एक विशेष अदालत ने वर्ष 2020 में अंसारी को बरी कर दिया था। वहीं प्रदेश सरकार की ओर से वर्ष 2021 में बरी करने के आदेश के खिलाफ एक अपील दायर की थी। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया और अंसारी को पांच साल जेल की सजा सुनाई। बता दें कि इससे पहले बुधवार को मुख्तार अंसारी को जेलर को धमकाने और पिस्तौल तानने के मामले में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
जेलर को धमकाने में हुई 7 साल की सदा
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2003 में लखनऊ के तत्कालीन जिला जेल जेलर एसके अवस्थी ने आलमबाग पुलिस में मुकदमा दर्ज करया था। इसमें आरोप लगाया था कि अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी का आदेश देने पर उन्हें धमकाया गया था। इस मामले में भी एक निचली अदालत ने अंसारी को बरी कर दिया था। लेकिन राज्य सरकार की ओर से इस मामले में भी हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपील दायर की गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने अपील को स्वीकार करते हुए मुख्तार को सजा सुनाई थी। फिलहात मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं।