झारखंड राज्य के शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सक लोगों को उन आयुर्वेदिक तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिनका उपयोग करके लोग अपने घर पर रहते हुए ऑक्सीजन लेवल और फेफड़ों में संक्रमण को फर्स्ट स्टेज पर ही रोक सकते हैं। नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि यदि आपके पास तत्काल अस्पताल पहुंचने की व्यवस्था नहीं है या फिर अस्पताल में आपको भर्ती करने के लिए जगह नहीं है तो ऐसी स्थिति में संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए घरेलू उपाय करना चाहिए।
ऑक्सीजन की आयुर्वेदिक पोटली बनाने की विधि
झारखंड राज्य के धनबाद जिले की शासकीय जिला संयुक्त औषधालय की आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. कुमकुम का कहना है कि सांस लेने में तकलीफ हाेने पर घरेलू नुस्खे काफी फायदेमंद हैं। जिन्हें भी ऑक्सीजन की कमी महसूस हाे रही हाे वे साफ कपड़े में कर्पूर की दाे टिकिया, अजवाइन एक चम्मच, मंगरैला दाे चुटकी व लाैंग चार-पांच रखकर उसे मसल दें व उसकी पाेटली बनाकर उसे सूंघें।
ऑक्सीजन की आयुर्वेदिक पोटली का इस्तेमाल कैसे करें
lung infections आयुर्वेदिक डॉक्टर कुमकुम का कहना है कि यह काफी फायदेमंद साबित हाेगा। इससे श्वसन तंत्र सक्रिय रहेगा और कुछ देर तक यह नुस्खा आजमाने पर सांस लेने में सहूलियत हाेने लगेगी। इसे लगातार एक-दाे घंटे पर तब तक आजमाएं जब तक सांस की तकलीफ दूर नहीं हाे जाती।
फेफड़ों में संक्रमण को रोकने के लिए आयुर्वेदिक दवा – What herb is good for lung infections
डॉ कुमकुम ने बताया कि चिंतामणि रस फेफड़ा संबंधित राेग में काफी फायदेमंद साबित हुआ है। चिंतामणि रस फेफड़ों से संबंधित सभी प्रकार के रोगों में लाभदायक होता है, इसलिए ज्यादातर आयुर्वेदिक चिकित्सालय में फेफड़ों से संबंधित मरीजों को चिंतामणि रस दिया जाता है।
कोरोना संदिग्ध लोगों को क्या करना चाहिए
डॉ. कुमकुम का कहना है कि काेराेना से यदि काेई संक्रमित हाे ताे भाप लेने से उसे काफी राहत मिलेगी। यह पद्धति ताे आयुर्वेद के साथ अन्य पद्धतियाें में भी आजमाया जा रहा है। डॉ. कुमकुम के मुताबिक उनकी सलाह है कि वायु के माध्यम से फैल रहे संक्रमण से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति काे अभी एक बार पांच मिनट भाप लेना चाहिए और गुनगुना पानी पीना चाहिए। ऐसा करने से यदि वे तत्काल काेराेना वायरस के शिकार हुए भी हाें ताे भाप लेने से उनका संक्रमण बढ़ेगा नहीं और उनका शरीर कोरोनावायरस को खत्म करने में सक्षम हो सकता है।