राजस्व महाभियान में आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों एवं डायरी लागू करने के विरोध में मप्र पटवारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

कटनी। राजस्व महाभियान में आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों एवं डायरी लागू करने के विरोध में आज मप्र पटवारी संघ की जिला इकाई कटनी ने मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि राजस्व महाअभियान प्रशासन द्वारा चलाये जाता है। संपूर्ण राजस्व अभियान में संपूर्ण कार्य करने वाला इकलौता कर्मचारी पटवारी है। इस एक कर्मचारी की मॉनिटरिंग (समीक्षा) राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, अधीक्षक भू-अभिलेख, प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख, अनुविभागीय अधिकारी, अपर कलेक्टर, कलेक्टर, संभाग आयुक्त, आयुक्त भू-अभिलेख, प्रमुख सचिव राजस्व करते हैं। सबसे कम वेतन और सबसे कम संसाधन पटवारी के पास है।

प्रदेश के सभी पटवारियों की हार्दिक इच्छा है कि एक बार एक अभियान पटवारियों के लिए भी चलाया जाए। जिससे उनको भी यह लगे कि हमारे लिए केवल घोषणायें ही नही होती हैं, शासन प्रशासन पटवारियों के लिए भी कुछ करना भी चाहता है। पिछले अभियान को भी पूर्णत: सफल पटवारियों ने ही बनाया था। जिसकों लेकर राजस्व मंत्री के द्वारा अभियान के शुरुआत में ही कहा गया था कि अभियान सफल करो शासन आपकी सारी मांगें पूरी करेगा लेकिन मांगे पूरी होनी तो दूर हड़ताल अवधि का वेतन भी आज दिनांक तक अप्राप्त है जबकि पटवारियों से संबंधित तत्समय का कोई भी कार्य शेष नही है। श्रीमद् भागवत गीता में कहा गया है कि मजदूर का पसीना सूखने के पहले उसकी मजदूरी दे देनी चाहिये किन्तु वर्तमान मुख्यमंत्री जिनके अराध्य ही श्री कृष्ण हैं, उनके मुख्यमंत्रित्व काल में पटवारियों को गत 05 महीनों से वेतन भत्तों के लाले पड़ें हैं। प्रदेश के किसी भी पटवारी को इन 5 महीनों के संपूर्ण वेतन भत्ते प्राप्त नही हैं। भूखे पेट रहकर भी आपके निर्देशानुसार प्रदेश के अन्नदाता के हित में प्रदेश के पटवारी इस अभियान को भी सफल बनाने का कार्य कर रहे हैं। साथ ही अभियान में आने वाली समस्यायें एवं हमारी समस्यायें भी सुन ली जाये, जिससे पटवारियों को प्रशासनिक अमले के द्वारा प्रताडि़त नहीं किया जाए।

राजस्व महाअभियान में आने वाली समस्याएं
गौरतलब है कि 15 जून से 15 अक्टूबर का समय वर्षा का होता है। जिसमें अतिवृष्टि, बाढ़,
जलभराव, भूस्खलन, प्रदूषित पानी से डायरिया जैसी बीमारी का खतरा बना रहता है। जिसकी रिपोर्टिंग इकाई पटवारी ही है। साथ ही कई जिलों में बाढ़ कन्ट्रोल रुम में प्रत्येक दिन 24 घटे में 6-6 घण्टे में सभी पटवारियों की ड्यूटी, परीक्षाओं में पटवारियों की ड्यूटी, सीबीआई जांच में पटवारियों की ड्यूटी, एनएआई में पटवारियों की ड्यूटी लगायी हुई है। इन ड्यूटियों से पटवारियों को मुक्त किया जाए अथवा इन ड्यूटी के साथ-साथ राजस्व अभियान करने पर ड्यूटीरत पटवारियों को लक्ष्य प्राप्ति के अभाव में प्रताडि़त नहीं किया जाए। वहीं अभियान के दौरान सारे कार्य ऑनलाईन होते हैं तो बेव जीआईएस और सारा एप के सर्वर की व्यवस्था कार्यालयीन समय में ठीक करायी जाए क्योंकि गत अभियान में पटवारियों द्वारा रात-रात भर जाग कर कार्य किया गया क्योंकि दिन में सर्वर काम नही करता था। इसके अलावा नक्शा बटांकन, सीमांकन के कार्यों में बरसात, खेतों की स्थिति और वन सीमा का ध्यान रखते हुए कार्यों को कराया जाय। कई जिलों में बन्दोवस्त नहीं होने से 1923 के नक्शे लागू हैं। वहां एक-एक खसरे में 100 से अधिक बंटा नम्बर हैं, जिसके कारण बटांक एवं बंटवारों की इत्तलायाबी साफ्टवेयर की तकनीकी खामियों के कारण नहीं हो पाते हैं। कई जिलों में नक्शे ही नहीं है, जहां नये सिरे से नक्शे बनाये जा रहे हैं। पटवारियों को नक्शे बनाने का अनुभव नहीं है, फिर भी उनसे यह कार्य कराने से त्रुटि होने की आशंका है। इसलिए इन कार्यों में राजस्व निरीक्षकों को लगाया जाय। इसी प्रकार नगर निगमों की सीमा बढऩे से कई ग्राम पंचायतें नगर निगम भोपाल में शामिल हो गयी हैं। जहां अत्यधिक जमीनी विवाद हैं, वहां बटांकन अभियान रूप में करने से विवाद होने की आशंका है। ऐसे सभी स्थानों में अभियान में बटांकन कार्य नहीं कराया जाए। अधिकारियों के द्वारा पटवारियों को मुख्यालय में रहने के निर्देश हैं, इसलिए अभियान के दौरान तहसीलों में नहीं बुलाया जाए और समीक्षा बैठके कार्यालयीन समय में ऑनलाईन करायी जाए। प्रधानमंत्री के द्वारा निर्धारित कार्यकाल प्रात: 10:00 बजे से 6:00 बजे तक है और इसी अवधि में पटवारियों से भी कार्य कराया जाय। शनिवार व रविवार अवकाश के दिनों में समीक्षा बैठक अथवा अन्य कार्य नही लियें जाए।

Exit mobile version