SC on Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र की सियासी जंग पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (SC) में सुनवाई हुई। जस्टिस सूर्य कांत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद नोटिस जारी किए। वहीं बागी विधायको को बड़ी राहत देते हुए उन्हेंअयोग्य ठहराए जाने के नोटिस पर भी 12 जुलाई शाम 5.30 बजे तक रोक लगा दी है। बता दें, 16 बागी विधायकों को डिप्टी स्पीकर ने 27 जुलाई शाम 5.30 तक जवाब दाखिल करने को कहा था। जस्टिस सूर्य कांत ने डिप्टी स्पीकर के साथ ही महाराष्ट्र सरकार, महाराष्ट्र पुलिस और केंद्र सरकार को पांच दिन में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किए। इसके तीन दिन बाद याचिकाकर्ता यानी शिंदे गुट अपना पक्ष रखेगा। इस तरह कोर्ट के सामने सारी स्थिति स्पष्ट होगी और फिर अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।
बता दें. शिंदे गुट ने 2 याचिकाएं लगाई हैं। पहली याचिका में 16 बागी विधायकों को अयोग्य ढहराए जाने वाले नोटिस को चुनौती दी गई है। वहीं दूसरी याचिका में उद्धव ठाकरे गुट द्वारा अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाए जाने की चुनौती दी गई है। शिवसेना की ओर से कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल पेश हुए हैं। सुनवाई की शुरू में शिंदे गुट के वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि डिप्टी स्पीकर की कार्रवाई भेदभाव पूर्ण है। बागी विधायकों की जान को खतरा है। जो सत्ता में है, वो डरा-धमका रहे हैं। अदालत को बताया गया कि 25 जून को नोटिस जारी हुआ था और आज शाम को 5.30 बजे उसकी सीमा पूरी हो रही है, जबकि आमतौर पर ऐसा मामले में 7 से 14 दिन का समय दिया जाता है। कोर्ट को यह भी बताया गया कि डिप्टी सीएम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। ऐसे में डिप्टी स्पीकर बागी विधायकों को नोटिस जारी नहीं कर सकते हैं।