Maharashtra News महाराष्ट्र में आज रात हो सकती है बड़ी उथल पुथल, बागी विधायक मिलेंगे राज्यपाल से फिर वह एक पत्र सौंप कर समर्थन वापस ले सकते हैं, सम्भव है वह सरकार के लिए बीजेपी को समर्थन दें या फिर फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे।
विधानसभा में अलग पार्टी की मान्यता मिलना आसान नहीं
शिवसेना के बागी विधायक उद्धव के चचेरे भाई राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में शामिल हो सकते हैं। इसके पीछे कारण यह है कि शिंदे के पास दो तिहाई, यानी 37 से ज्यादा विधायकों का समर्थन होने के बावजूद विधानसभा में अलग पार्टी की मान्यता मिलना आसान नहीं है। अगर बागी गुट राष्ट्रपति चुनाव से पहले मसले का हल चाहता है तो उसके पास सबसे आसान रास्ता खुद का किसी दल में विलय करना है। ऐसे में एक बड़ी संभावना मनसे में शामिल होने की ही है।
शिंदे गुट इसलिए कर सकता है मनसे से विलय
राजनीतिक जानकारों की माने तो शिंदे गुट डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल द्वारा अपात्र करार दिए गए अपने 16 विधायकों को बचाने के लिए जल्द से जल्द पहले से मौजूद किसी राजनीतिक दल से विलय करना चाहती है। मनसे का भले ही विधानसभा में एक विधायक है, लेकिन पार्टी लगभग पूरे महाराष्ट्र में स्थापित है। ऐसे में किसी अन्य दल के साथ विलय की जगह शिंदे गुट के लिए मनसे सबसे सटीक पार्टी होगी। दोनों बाला साहब की विचारधारा से प्रभावित हैं और उनकी तरह ही कट्टर हिंदुत्व के मुद्दे पर आगे बढ़ने की बात कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने और डिप्टी स्पीकर नरहरि जरवाल की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। अदालत ने शिंदे गुट, महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना की दलीलें सुनीं। इसके बाद कोर्ट ने विधायकों को अयोग्य ठहराने वाले डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर जवाब देने के लिए 11 जुलाई तक का वक्त तय किया। अगली सुनवाई भी इसी दिन होगी। यह शिंदे गुट के लिए राहतभरा रहा।