Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार मुसीबत में फंसती जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को मनाने की कोशिशें नाकाम रही हैं। सूरत स्थित होटल में उनसे मिलने पहुंचे उद्धव ठाकरे के दूत को शिंदे ने साथ जवाब दिया है कि हिंदुत्व को छोड़ने वाली शिवसेना में अब उनकी वापसी संभव नहीं है। शिवसेना ने मिलिंद नार्वेकर और रवि पाठक को उनसे बातचीत करने के लिए भेजा था। लेकिन मनाने में नाकाम होने के बाद ये दोनों खाली हाथ वहां से रवाना हो चुके हैं। इस बीच शिवसेना ने कड़ा ऐक्शन लेते हुए एकनाथ शिंदे को पार्टी के विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है और उनके स्थान पर सेवरी के विधायक अजय चौधरी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
क्या चाहते हैं एकनाथ शिंदे?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एकनाथ शिंदे ने सीएम उद्धव ठाकरे के साथ भी फोन पर 15 से 20 मिनट तक बात की। इस बातचीत में उन्होंने साफ कहा कि वो शिवसेना छोड़ना नहीं चाहते, लेकिन वो और पार्टी के कई विधायक एनसीपी और कांग्रेस के साथ काम नहीं करना चाहते। शिंदे ने सीएम के सामने स्पष्ट शर्त रखी है अगर वो भाजपा के साथ गठबंधन कर लेते हैं तो शिवसेना में टूट नहीं होगी, इसलिए पार्टी को भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार बनानी चाहिए।