Manish Tewari: कांग्रेस में बड़े नेताओं के बागी तेवर जारी है। ताजा खबर यह है कि गुलाम नबी आजाद के बाद अब पंजाब के बड़े नेता और राज्यसभा सदस्य मनीष तिवारी ने तीखी बातें कही हैं। मनीष तिवारी के अनुसार, ऐसा लगता है कि 1885 से मौजूद कांग्रेस में दरार आ गई है। आत्मनिरीक्षण की जरूरत है।
मुझे लगता है कि 20 दिसंबर 2020 को सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में सहमति बन गई होती तो यह स्थिति नहीं आती। तब (2 साल पहले) हम में से 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखा था कि पार्टी की स्थिति चिंताजनक है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
उस पत्र के बाद कांग्रेस सभी विधानसभा चुनाव हार गई।
समाचार एजेंसी ANI से चर्चा में मनीष तिवारी ने आगे कहा, मैं गुलाम नबी आजाद की चिट्ठी के गुण-दोष में नहीं जाना चाहता। इसके लिए तो आजाद ही बेहतर व्यक्ति होंगे, लेकिन हंसी आती है जब ऐसे नेता कांग्रेस को सलाह देते हैं जिनकी हैसियत वार्ड चुनाव जीतने की नहीं है, तो भी कांग्रेस नेताओं की चपरासी करते थे, ऐसे लोग जब ज्ञान देते लगें तो यह हालात समझे जा सकते हैं।