Mauni Amavasya 2022: जानिए मौनी अमावस्या पर स्नान का महत्व, दुख-दरिद्रता दूर करने के लिए करें उपाय

Mauni Amavasya 2022 ऐसी मान्यता है कि इसी दिन प्रजापति ब्रह्माजी ने मनु और शतरूपा को प्रकट करके सृष्टि की रचना की शुरुआत की थी।

Mauni Amavasya 2022: धर्मग्रंथों के अनुसार माघ माह में आने वाली मौनी अमावस्या को आत्मसंयम की साधना के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन प्रजापति ब्रह्माजी ने मनु और शतरूपा को प्रकट करके सृष्टि की रचना की शुरुआत की थी। इसलिए यह तिथि सृष्टि की रचना के शुभारंभ के रूप में भी जानी जाती है।

इस दिन मौन धारण करके स्नान, दान, तप और शुभ आचरण करने से उपासक को मुनिपद की प्राप्ति होती है। सनातन धर्म में मौनी अमावस्या पर कुछ नियम बताए गए हैं जिनको अपनाकर आप सुख-समृद्धि की ओर बढ़ते हैं।

Mauni Amavasya 2022 मौनी अमावस्या के दिन करें ये उपाय

1- शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन सभी पवित्र नदियों और पतितपाविनी मां गंगा के जल में भगवान विष्णु का वास होता है। इस दिन गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फल मिलता समान है।

2- यदि किसी व्यक्ति का सामर्थ्य त्रिवेणी के संगम अथवा अन्य किसी तीर्थ स्थान पर जाने की नहीं है तब उसे अपने घर में ही प्रात: काल उठकर सूर्योदय से पूर्व स्नान आदि करना चाहिए और गंगा जल ग्रहण करें।

3- स्नान करते हुए मौन धारण करें और श्री हरि का जाप करने तक मौन व्रत का पालन करें, इससे मन की शुद्धि होती है और आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है।

मौनी अमावस्या पर संगम में आस्था की डुबकी

4- मौनी अमावस्या के दिन व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान, जप व पीपल की पूजा अवश्य करनी चाहिए, ऐसा करने से मनुष्य के कष्ट दूर होते हैं लक्ष्मीजी की कृपा बनी रहती है।

5- पितरों को प्रसन्न करने के लिए मौनी अमावस्या बहुत श्रेष्ठ मानी गई है। इस दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए ब्राह्मणों को घर बुलाएं और आदर के साथ उन्हें भोजन कराएं और दक्षिणा देकर उन्हें विदा करें। इस दिन गाय, कुत्ते, चींटी और कौए को भोजन अवश्य कराना चाहिए, ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होंगे।

6- इस दिन संध्याकाल में घर के ईशान कोण में पूजा वाले स्थान पर गाय के घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपको सभी सुखों की प्राप्ति होगी।

7- इस तिथि को मौन और संयम की साधना, स्वर्ग एवं मोक्ष देने वाली मानी गई है। यदि किसी व्यक्ति के लिए मौन रखना संभव नहीं हो तो वह अपने विचारों को शुद्ध रखें मन में किसी तरह की कुटिलता नहीं आने दें।

8- यदि आप घर में अपने पूर्वजों की तस्वीर लगाना चाहते हैं तो मौनी अमावस्या का दिन इस कार्य के लिए उत्तम है। इस दिन आप अपने घर में पितरों की पूजा करके इनकी फोटो को दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा की तरफ लगाएं।

9- मौनी अमावस्या के दिन जो कोई भी व्यक्ति आपके घर दान-दक्षिणा लेने आए उसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। आप जितना दान या दक्षिणा देने में समर्थ हों उतना जरूर करें। साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर इस दिन आपके घर कोई भूखा व्यक्ति खाना मांगते हुए आता है तो उसे खाने के लिए मना नहीं करना चाहिए।

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