Mohan Bhagwat संघ प्रमुख ने ग्वालियर में कहा भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान चाहता तो वह अपने देश का नाम हिंदुस्तान रख सकता था। लेकिन उसे पता था कि जब भी हिंदुस्तान का नाम लिया जाएगा तो उस नाम से हिंदू और भारत को अलग नहीं कर पाएंगे। इसलिए उसने अपने देश का नाम पाकिस्तान नाम रखना उचित समझा।
कार्यक्रम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया। सीएम ने कहा कि अब ध्येयनिष्ठ और मूल्य आधारित पत्रकारिता का अस्तित्व ही रहेगा। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, जयभान सिंह पवैया मौजूद थे।
संघ प्रमुख डा माेहन भागवत ने आज ग्वालियर में केदारपुर धाम में चार दिवसीय घाेष शिविर के अंतर्गत लगाई गई ऐतिहासिक प्रदर्शनी का अवलाेकन किया। इस दाैरान उन्हाेंने सभी वाघ यंत्राें काे भी देखा। इसके बाद वे आज शाम पांच बजे जीवाजी विश्वविद्यालय परिसर में स्थित अटल सभागार में आयाेजित एक समाचार पत्र के स्वर्ण जयंती समाराेह में शिरकत करेंगे। इस आयाेजन में शामिल हाेने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान भी आज शाम चार बजे विशेष विमान से ग्वालियर आएंगे। समाराेह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ संचालक डा माेहन भागवत का दृष्टिबाेध हाेगा।
संघ प्रमुख डा माेहन भागवत काे जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। इसके चलते आयाेजन स्थल पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। बीते राेज संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना, आइजी अविनाश शर्मा, पुलिस उप महानिरीक्षक राजेश हिंगणकर, कलेक्टर काैशलेंद्र विक्रम सिंह, एसपी अमित सांघी व निगमायुक्त ने अटल सभागार में तैयारियाें का जायजा लिया था। रविवार काे डा माेहन भागवत सराेद घर भी जाएंगे, इसके चलते अधिकारियाें ने सराेज घर का भी अवलाेकन किया है। सराेद घर के आसपास भी पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शहर में वीवीआइपी मूवमेंट काे देखते हुए सड़काें के साथ ही स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था भी दुरूस्त कर दी गई है।
राेका जाएगा ट्रैफिकः जेयू में कार्यक्रम के चलते शाम काे सिटी सेंटर क्षेत्र से गुजरने वाले लाेगाें काे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। क्याेंकि यूनिवर्सिटी के आसपास ट्रैफिक काे राेका जा सकता है।
शिविर के अंतिम दिन हाेगा संबाेधनः संघ प्रमुख डा माेहन भागवत 28 नवंबर तक ग्वालियर में ही रहेंगे। वे स्वर साधक संगम में शामिल हाेंगे और घाेष शिविर के अंतिम दिन उनका संबाेधन हाेगा।