Monsoon Active कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला, उमरिया सहित प्रदेश के 17 जिले सूखा प्रभावित, अब कुछ दिन मानसून फिर एक्टिव
कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला, उमरिया सहित प्रदेश के 17 जिले सूखा प्रभावित हैं
मध्य प्रदेश में एक बार फिर एक्टिव (monsoon active) हुआ मानसून अपने साथ जबरदस्त बारिश लेकर आया है. दरअसल बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ था जो अब पूरी तरह सक्रिय हो गया है. इस सिस्टम के एक्टिव होने के बाद मौसम विभाग ने प्रदेश भर में बारिश का अलर्ट जारी किया है. मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ और धार में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है. इसी के ही साथ भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के बाकी हिस्सों में हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है.
वर्तमान में उत्तर पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवातीय गतिविधियों के प्रभाव में पश्चिमोत्तर बंगाल की खाड़ी में कम दाब क्षेत्र सक्रिय है. मानसून ट्रफ बीकानेर, जयपुर, गुना, सिवनी, गोंदिया, गोपालपुर और कम दाब क्षेत्र से होते हुए पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैली है. ट्रफ लाइन साउथ एमपी में अभी कुछ और नीचे आएगी. पश्चिमोत्तर राजस्थान-पंजाब और पूर्वोत्तर अरब सागर-कच्छ के क्षेत्रों में चक्रवातीय गतिविधियां हैं. इसी के कारण प्रदेश भर में 9 सितंबर तक अच्छी बारिश होने की संभावना है.
मानसून समय से पहले आया लेकिन नहीं हुई अच्छी बारिश
इस बार प्रदेश में समय से पहले ही मानसून ने दस्तक दे दी थी. उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बार अच्छी बारिश प्रदेश में होगी. लेकिन इस बार पिछले साल के मुकाबले कम बारिश हुई है. राज्य के कई हिस्से ऐसे हैं जहां अब तक अच्छी बारिश नहीं हो पाई है. यही कारण है कि कई इलाके सूखे की चपेट में आ गए हैं. प्रदेश में अब तक करीब 33 इंच बारिश होना चाहिए था, लेकिन तीन इंच कम यानी करीब 30 इंच ही बारिश हुई है. यही कारण है कि इसका सबसे ज्यादा असर मालवा-निमाण, बुंदेलखंड और जबलपुर के इलाकों पर पड़ा है.
अगस्त में बारिश तो हुई लेकिन कोटा नहीं हुआ पूरा
मध्य प्रदेश में अगस्त के पूरे महीने में बारिश तो हुई है, लेकिन रिमझिम होने के कारण बारिश का कोटा पूरा नहीं हो सका. स्तिथि यह है कि प्रदेश के 17 जिले सूखा प्रभावित हो गए हैं. इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, हरदा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, पन्ना, दमोह, छतरपुर, सागर, कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला, उमरिया और बालाघाट में सूखे के हालात बन गए हैं