Motivational Story: एक बार एक किसान था। वह खेतों में काम अपने घर वापस लौट रहा था। घर लौटते समय रास्ते में एक हलवाई की दुकान पड़ी। किसान से उस दिन काफी ज्यादा काम किया था और उसे बहुत ज्यादा भूख लगी थी। जब वो हलवाई की दुकान के पास से गुजरा तो उसे मिठाईयों की खुशबू आई। खुशबू के चलते वह खुद को रोक नहीं पाया लेकिन उसके पास उस दिन पैसे ज्यादा नहीं थे। तो वह मिठाई खरीद भी नहीं सकता था। ऐसे में वह कुछ देर हलवाई की दुकान के पास ही खड़ा रहा और मिठाइयों की सुगंध का आनंद लेने लगा।
किसान कुछ देर वहीं खड़ा था। उसे हलवाई ने देख लिया और उससे उसकी खुशी देखी नहीं गई। वह किसान के पास गया और बोला, पैसे निकालो। किसान यह सुनकर हैरान हो गया। उसने कहा कि उसने तो मिठाई खरीदी ही नहीं तो पैसे किस बात के। इस पर हलवाई ने कहा कि तो क्या हुआ कि तुमने मिठाई नहीं ली लेकिन मिठाई की खुशबू का आनंद तो ले रहे हो न। हलवाई ने कहा कि मिठाई की खुशबू लेना भी मिठाई खाने के बराबर ही है। ऐसे में तुम्हें पैसे देने होंगे।
किसान यह सुनकर कुछ घबरा गया। लेकिन फिर उसने सोचा और थोड़ी सूझबूझ दिखाते हुए उसने अपनी जेब से कुछ सिक्के निकाले। उसने उन सिक्कों को हाथ में लेकर खनकाया। पैसा खनकाने के बाद किसान चल दिया। हलवाई ने किसान को रोका और कहा कि उसके पैसे देकर जाए। तब किसान ने कहा कि जैसे मिठाई की खुशबू का आनंद लेने मिठाई खाने के बराबर ही है, वैसे ही सिक्कों की खनक सुनना भी पैसे लेने के बराबर ही है।