भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावों के परिणाम लगभग तय हो गए हैं। इन परिणामों में भाजपा को फायदा हुआ है जबकि कांग्रेस सन्तुष्ट मान रही है। कांग्रेस ने भाजपा की सीट रेगांव पर कब्जा तय किया है लेकिन उसे खण्डवा लोकसभा तथा जोबट ओर पृथ्वीपुर विधानसभा में हार का मिली है। (परिणाम घोषित नहीं)
रैगांव
सतना जिले की रैगांव विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ बन चुकी थी। लगातार 31 साल से यहां भाजपा का कब्जा है। सन 1993 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर परचम लहराया था और तब से सन 2018 तक भारतीय जनता पार्टी का कब जा रहा है। सन 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के सामने पराजित हुई कल्पना वर्मा, उपचुनाव में फिर से मैदान में उतरी और इस बार उन्होंने भाजपा से अपनी पुरानी सीट सीने में कामयाबी हासिल की। निश्चित रूप से इस सीट को लेकर राष्ट्रीय स्तर तक समीक्षा की जाएगी। क्या कारण रहे जो भाजपा इतनी पुरानी सीट पर चुनाव हार गई।
जोबट
मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा सीट पर कमलनाथ के सर्वे और मैनेजमेंट की हार हो गई। सन 1996 से लगातार सुलोचना रावत का कब्जा बरकरार है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने सुलोचना रावत की जगह कलावती भूरिया को टिकट दिया था और वह चुनाव जीत भी गई थी। कलावती भूरिया के निधन के बाद जब कमलनाथ ने सुलोचना रावत को महत्व नहीं दिया तो सुलोचना रावत कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई और चुनाव के मात्र 4 दिन पहले पार्टी बदलने के बावजूद 2021 के उपचुनाव में सुलोचना रावत ने कांग्रेस पार्टी के महेश पटेल को 6000 से ज्यादा वोटों से पराजित किया।
पृथ्वीपुर
निवाड़ी जिले की पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर भी कमलनाथ ने अपनी मर्जी का प्रत्याशी उतारा था। स्थानीय कार्यकर्ताओं की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए कमलनाथ ने स्वर्गीय विजेंद्र सिंह राठौर के पुत्र जितेंद्र सिंह राठौर को टिकट दिया था। नतीजा इस सीट पर कांग्रेस पार्टी की शर्मनाक पराजय हुई है। पृथ्वीपुर सीट कांग्रेस पार्टी का गढ़ मानी जाती थी लेकिन एक गलत डिसीजन के कारण 15,000 से ज्यादा वोटों से शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी के डॉक्टर शिशुपाल सिंह यादव ने लंबे समय के बाद पृथ्वीपुर सीट पर भाजपा का परचम लहरा दिया।
पृथ्वीपुर विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से छीन लिए। खंडवा लोकसभा सीट पर शुरुआत में भाजपा आगे चल रही थी, फिलहाल कांग्रेस आगे चल रही है।