MP के इंदौर में नौकरी से निकाले जाने पर 7 कर्मचारियों ने एक साथ खाया जहर, जानिए पूरा मामला

MP के इंदौर में नौकरी से निकाले जाने पर 7 कर्मचारियों ने एक साथ खाया जहर, जानिए पूरा मामला

MP के इंदौर की एक वायर फैक्ट्री में गुरुवार सुबह एक साथ सात कर्मचारियों ने जहर खा लिया। एक दिन पहले फैक्ट्री के मालिक ने उन्हें काम पर नहीं आने का कहते हुए नौकरी से निकाल दिया था। आज सुबह सातों कर्मचारी फैक्ट्री पहुंचे और मालिक से मिलने की जिद करते रहे। जब मालिक ने मिलने से इनकार कर दिया तो उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया। उनकी तबीयत बिगड़ती देख अन्य कर्मचारी उन्हें एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे। सभी का यहां उपचार किया जा रहा है।

परदेशीपुरा पुलिस के मुताबिक घटना अजमेरा वायर फैक्ट्री की है। यहां जमनाधार विश्वकर्मा (46) निवासी गौरी नगर, दीपक सिंह (45) निवासी गौरी नगर, राजेश मेमारिया (46) निवासी नेहरूनगर, देवीलाल करेडिया (45) निवासी मालवा मिल उनके भाई रवि करडिया (32, जितेन्द्र धमनिया (45) निवासी सुंदर नगर और शेखर वर्मा (19) निवासी मालवा मिल ने जहर खा लिया। तबीयत बिगड़ने पर साथी कर्मचारी अनिल निगम सभी को उपचार के लिए गुरुवार दोपहर अस्पताल लेकर पहुंचा था। यहां सभी का उपचार किया जा रहा है।

कर्मचारियों ने पूछताछ में बताया कि सातों कर्मचारी साल से यहां काम कर रहे हैं। बुधवार को कंपनी के मालिक रवि बाफना और पुनीत अजमेरा ने उन्हें गुरुवार से काम पर नहीं आने के लिए कहा था। उनसे कहा गया था कि अब यहां उनके लायक काम नहीं है। इस बात को लेकर कर्मचारियों से उनकी बहस भी हुई थी। इसके बाद गुरुवार को वह यहां मालिक से फिर से बात करने पहुंचे थे।

प्रोडक्शन बंद, छंटनी शुरू
कर्मचारी अनिल निगम ने बताया कि दोनों मालिक रवि और पुनीत ने इलेक्ट्रानिक कॉम्प्लेक्स और एमआर 10 पर दो अन्य फैक्ट्रियां डाली थीं। उन्होंने यहां माल बनवाना बंद कर दिया था। ऑर्डर होने के बाद भी यहां काम नहीं करवाया जा रहा था। इसे लेकर मालवा मिल स्थित अजमेरा वायर पर कर्मचारियों की छंटनी की गई। यहां कर्मचारियों पर काफी दिन से काम छोड़ने को लेकर दबाव भी बनाया जा रहा था।

परिवार पर आ जाएगा संकट
एक कर्मचारी जमनाधार ने बताया कि उसके परिवार में पिता को लकवा है। दो बेटियां हैं, जो पढ़ाई कर रही हैं। अचानक नौकरी जाने से उनके परिवार पर संकट आ जाएगा। वह यहां 20 साल से काम कर रहे हैं। अब क्या नया काम करेंगे। कर्मचारी दीपक के परिवार में पत्नी, बेटा और माता-पिता हैं। वहीं, राजेश के परिवार में तीन बच्चे, पिता और एक भाई है। देवीलाल के परिवार में माता-पिता, पत्नी और दो बच्चे हैं। रवि के परिवार में भी दो बच्चे, पत्नी और माता-पिता हैं। जितेंद्र के तीन बच्चे और पत्नी हैं। शेखर तीन बहनों में इकलौता है। परदेशीपुरा पुलिस के मुताबिक पूरे मामले में जांच की जा रही है।

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