भोपाल। मध्य प्रदेश (MP) में केंद्र सरकार (central Government) के पत्र के बावजूद शिकायतों की पेंडिंग लिस्ट (pending list) अधिकारियों की परेशानी बढ़ा सकती है। मध्य प्रदेश के हर विभाग में शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। इसमें से कई ऐसी समस्या है, जो जनता से सीधा जुड़ाव रखती है। हालांकि Pending शिकायतों को लेकर जनता सीधे तौर पर प्रशासन से गुहार लगा चुकी है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने बीते दिनों कई अफसरों को शिकायतों के अंबार की वजह से निलंबित किया था। फिर भी अफसर इस मामले में लापरवाह दिख रहे हैं।
कई विभागों में अफसरों की लापरवाही सामने आ चुकी है। वहीं सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश से करीब 90,000 से अधिक शिकायतें दिल्ली के प्रधानमंत्री कार्यालय (PM Office) पहुंची है। जिसके बाद इन शिकायतों के निराकरण के लिए DoPT ने सीएम कार्यालय (CM Office) को पत्र लिखा है। जिसके बाद अफसरों में हड़कंप की स्थिति मच गई है।
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने सभी अफसरों और जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर जल्द से जल्द पेंडिंग शिकायतों के निराकरण की बात कही है। बता दें कि शिकायतों का अंबार लगा है। उसमें बिजली, पानी, सड़क व शहरी विकास के अलावा अवैध परिवहन, भंडारण, खनन, स्कूल शिक्षा और भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की अनदेखी की जा रही है। वही शिकायतों है, जिसमें आरक्षण का लाभ नहीं मिले प्रमोशन में देरी सहित कई मामलों में केंद्र सरकार से शिकायत की गई है। वही DoPT द्वारा दिए आदेश में पेंडिंग शिकायतों को खत्म करने में रुचि लेकर काम करने की हिदायत अफसरों को दी गई है।
आंकड़ों की माने तो इंदौर में सबसे ज्यादा शिकायतों की लिस्ट रिकॉर्ड की गई है। इंदौर में 4480 शिकायत पेंडिंग पड़े हैं वही रीवा में 3443, भोपाल 2513, सतना 2362, ग्वालियर 1930, उज्जैन 1880, शिवपुरी 1245, भिंड 1053, विदिशा 1084, देवास 1228 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं।