भोपाल। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम नाकाफी साबित हुए। लोगों को क्वारंटाइन होने के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ी। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए कोरोना कर्फ्यू के माध्यम से घरों में रहने को कहा गया, लेकिन अग्रिम पंक्ति में रहकर काम करने वाले पुलिसकर्मी खतरे के बीच अपने दायित्व का निर्वहन करते रहे। कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है, इसलिए पुलिस मुख्यालय की ओर से आने वाली चुनौतियों से निपटने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत हर जिले में पुलिस का अपना कोविड केयर सेंटर खोलने की तैयारी है।
इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। पुलिस की अलग-अलग शाखाओं से समन्वय स्थापित कर इसकी रूपरेखा पर विमर्श जारी है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अगलेे कुछ दिन में इस योजना को मूर्तरूप दे दिया जाएगा। प्राथमिकता इस बात को दी जाएगी कि पुलिस अस्पतालों में ही एक हिस्सा कोविड केयर सेंटर के लिए आरक्षित कर दिया जाए और यहां आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं स्थायी कर दी जाएं। जिन पुलिस अस्पतालों में जगह की कमी होगी, वहां थाना परिसर या पुलिस लाइन में इंतजाम किए जाएंगे। इसके लिए बजट का इंतजाम पुलिस कल्याण निधि से किया जाएगा। इसके अलावा आवश्यक होनेे पर अन्य मद से भी राशि ली जाएगी।
पुलिस परिवारों को मिलेगी राहत
अधिकांश पुलिसकर्मियों के घरों पर आइसोलेट होने की जगह नहीं होने से इस बार परिवारों को काफी दिक्कत हुई। कोविड केयर सेंटर बनने से संक्रमण की स्थिति में परिवार के सदस्य यहां रह सकेंगे। साथ ही शासकीय योजनाओं के तहत अनुबंधित अस्पतालों के चिकित्सकों की यहां सेवाएं ली जा सकेंगी। हाल ही में भोपाल, इंदौर और जबलपुर में 16-16, रतलाम में 15, मंदसौर में 12 तथा गुना में 10 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर शुरू किया गया है।
मास्क और सैनिटाइजर के लिए दिया बजट
पुलिसकर्मियों के लिए मास्क और सैनिटाइजर खरीदने के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपये दिए गए हैं। प्रारंभिक तौर पर इस राशि से इंतजाम हो गए हैं। जिलों से इनकी मांग के संबंध में जानकारी मांगी गई है।