Ujjain : मध्य प्रदेश के उज्जैन के दानी गेट इलाके में स्थित बिना नींव की मस्जिद का विवाद गहराता ही जा रहा है. महामंडलेश्वर ने इस मस्जिद को परमार कालीन गणेश मंदिर बताया है. उनका कहना है कि इस प्राचीन मंदिर को वापस पाने के लिए वो न्यायालय की शरण लेंगे. उनका दावा है कि मस्जिद को मंदिर तोड़कर बनाया गया है और उनके पास इसके दस्तावेजी सबूत भी हैं. महामंडलेश्वर ने कहा है कि दावा स्विकार किए जाने के बाद वो वहां अखंड रामायण और हनुमान चालीसा का पाठ करवाएंगे.
उज्जैन के दानी गेट इलाके में बिना नीव की एक मस्जिद स्थित है. इसे लेकर महामंडलेश्वर अतुलेशानंद आचार्य शेखर ने दावा किया है कि यह प्राचीन गणेश और शिव मंदिर है. उन्होंने बताया कि परमार कालीन इस शिव मंदिर का कई जगह उल्लेख है. सन 1026 में परमार काल में यहां पर पूजा होती थी. इसके बाद अल्तमश नाम के मुगल शासक ने आक्रमण के बाद इसे मस्जिद में परिवर्तित कर दिया. इस पूरे मामले को लेकर वो हाई कोर्ट की शरण ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि न्यायपालिका पर उन्हें पूरा भरोसा है और जैसे ही फैसला उनके हक में आएगा, वैसे ही उक्त स्थल पर हनुमान चालीसा और अखंड रामायण का पाठ भी कराया जाएगा.
140 दस्तावेजी सबूत होने का दावा
महामंडलेश्वर आचार्य ने दावा किया कि उनके पास 140 दस्तावेजी सबूत हैं, जिसे वो न्यायलय में पेश करेंगे. इसके अतिरिक्त पुरातत्व विशेषज्ञों ने भी उन्हें मंदिर होने की जानकारी दी है. महामंडलेश्वर के दावे के बाद विवादित स्थल पर पुलिस निगाह रख रही है. इस मामले को लेकर फिलहाल अल्पसंख्यक वर्ग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.