भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण की वजह से बेसहारा हुए बच्चों और परिवारों को मुफ्त राशन, परिवारों को पेंशन और बच्चों को निशुल्क शिक्षा जैसी सुविधाएं देंगी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की है। कोरोना संक्रमण से अपनों को खो चुके परिवारों को इस तरह की मदद देने वाला मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य बन गया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐसे बच्चे जिनके परिवार से पिता का साया उठ गया, कोई कामाने वाला नहीं बचा, ऐसे परिवारों को 5000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी। ऐसे सभी बच्चों की शिक्षा का निशुल्क प्रबंध किया जाएगा ताकि वे अपनी पढ़ाई लिखाई जारी रख सकें। उन्होंने कहा पात्रता न होने के बावजूद भी ऐसे परिवारों को मुफ्त राशन दिया जाएगा। अगर इन परिवारों में कोई सदस्य ऐसा है या पति नहीं रहे तो उनकी पत्नी काम धंधा करना चाहे तो उनको सरकार की गारंटी पर बिना ब्याज का कर्ज दिया जाएगा।
कोरोना महामारी ने कई परिवारों को तोड़ कर रख दिया है, कुछ ने अपने बुढ़ापे की सहारे की लाठी खोई है, कुछ ने पालकों की छाया खोई है। इसलिए, हमने तय किया है कि ऐसे परिवारों को जिनके घर में आजीविकोपार्जन करने वाला कोई नहीं बचा उन्हे 5,000 रुपये प्रति माह पेंशन शासन द्वारा दी जाएगी: CM pic.twitter.com/MJZUjrMNSE
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) May 13, 2021
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी ने कई परिवारों को तोड़कर रख दिया है, कई परिवार ऐसे हैं, जिनके बुढ़ापे की लाठी के सहारे छिन गए और कुछ परिवार ऐसे हैं, जिनमें मासूम बच्चों के सिर से अपने पालक अपने पिता का साया उठ गया है। ऐसे बच्चों के सामने जीवन व्यापन की समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि इसलिए हमने फैसला किया है कि ऐसे बच्चे जिनके परिवार से पिता का साया उठ गया, कोई कमाने वाला नहीं बचा, ऐसे परिवारों को 5 हजार रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी। ताकि बच्चों को जीवन व्यापन के लिए परेशान न होना पड़े, ऐसे सभी बच्चों की शिक्षा निशुल्क प्रबंध किया जाएगा, ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। पात्रता न होने के बाद भी इन्हें फ्री राशन दिया जाएगा। परिवार में कोई ऐसा सदस्य हैं जो काम-धंधा करना चाहे तो सरकार गारंटी पर उन्हें बिना ब्याज का लोन उपलब्ध करवाया जाएगा, ताकि वे फिर से अपना काम-धंधा जीवन व्यापन के लिए शुरू कर सकें।
सीएम शिवराज ने कहा कि ऐसे दुखी परिवारों को हम बेसहारा नहीं छोड़ सकते, उनका सहारा प्रदेश की सरकार है, ऐसे बच्चों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है, वो प्रदेश के बच्चे हैं। प्रदेश उनकी मदद करेगा, प्रदेश उनकी चिंता करेगा।