जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश के जरिये साफ कर दिया कि राज्य के निजी उद्योगों में कार्यरत कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 साल ही रहेगी। इस सिलसिले में मध्य प्रदेश शासन द्वारा संशोधित प्रविधान ही लागू होगा, जिसके तहत पूर्व निर्धारित सेवानिवृत्ति आयु 58 साल को दो वर्ष बढ़ाकर 60 साल कर दिया गया है।
न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अनावेदक सियाशरण पांडे सहित 10 सीमेंट फैक्टरी कर्मियों की ओर से अधिवक्ता संजय वर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि श्रम न्यायालय ने उनके पक्षकारों के हक में आदेश पारित किया था। अल्ट्रा ट्रेक सीमेंट की ओर से श्रम न्यायालय के उसी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। श्रम न्यायालय ने मध्य प्रदेश औद्योगिक नियोजन स्थायी आदेश अधिनियम में संशोधन के तहत राज्य शासन द्वारा निजी उद्योगों के कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष किए जाने के आधार पर अपना आदेश पारित किया था। लेकिन सीमेंट फैक्टरी का तर्क है कि वह राज्य नहीं बल्कि केंद्र शासन से शासित होती है, इसलिए राज्य के अधिनियम या संशोधन उस पर लागू नहीं होंगे।
हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद अपने आदेश में साफ कर दिया कि इस मामले में केंद्र शासन नहीं बल्कि राज्य शासन ही समुचित है। उसके नियम-अधिनियम व संशोधन मध्य प्रदेश में संचालित निजी उद्योगों पर प्रभावी होंगे। लिहाजा, कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु भी 58 नहीं 60 ही उचित है। इस आदेश का मजदूरों को लाभ होगा।