Madhya Pradesh Police: महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों पर अब और अधिक सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इस मामले में अलग-अलग धाराओं में प्रकरण दर्ज करेगी। इस आशय के आदेश पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों को जारी कर दिए गए हैं। अभी तक छेड़छाड़, दुष्कर्म, या अश्लील वीडियो वायरल करने के मामले में मुख्य अपराध के तहत धाराओं का उपयोग किया जाता था। अब इसमें मूल अपराध के साथ घूर कर देखने, गलत नीयत से छूने जैसे अपराधों की धाराएं भी शामिल की जाएंगी। इसका उद्देश्य यह है कि महिला अपराध के मामलों में आरोपित को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सके।
महिला अपराध में शामिल आरोपितों के विरुद्ध मजबूत प्रकरण तैयार करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किया है। इसका उद्देश्य यह है कि आरोपित को अधिक और जल्द सजा दिलाई जा सके। सभी जिलों के जारी आदेश में कई धाराओं का उल्लेख करते हुए उन्हें भी महिला अपराध के प्रकरण में शामिल करने के आदेश दिए हैं।
अश्लील वीडियो वायरल करने में आइटी एक्ट की धाराओं का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। धारा 66 (ई) का उल्लेख करते हुए बताया है कि इसमें किसी के एकांत के उल्लंघन का मामला भी बनता है। धारा 67 (ए) के तहत लैंगिक प्रदर्शन का इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रदर्शन के तहत अपराध है। इसी प्रकार अन्य धाराओं के तहत किसी स्त्री के उसकी अनुमति के बगैर चित्र खींचने, उनकी एकांतता का उल्लंघन करने, अश्लील सामग्री का भंडारण करने जैसे अपराध के मामले भी दर्ज किए जा सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, महिला अपराध के मामलों में और अधिक साक्ष्य एकत्रित करने की मशक्कत से बचने के लिए इस प्रकार की धाराओं को लगाने से अधिकारी बचते हैं। इससे कई बार आरोपित कोर्ट से बरी हो जाते हैं। नए आदेश की मंशा यह है कि आरोपित पर अधिक धाराएं लगाई जाएंगी तो किसी न किसी धारा के तहत अपराध सिद्ध किया जा सकेगा और मूल अपराध से बरी होने पर भी यह संभावना बनी रहेगी कि उसे सजा मिले