न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं, धान सहित अन्य उपज खरीदने, आक्सीजन और पोषण आहार संयंत्रों का संचालन करने के बाद अब मध्य प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूह उचित मूल्य दुकानों (राशन दुकानों) का संचालन भी करेंगे। समूहों को सशक्त बनाने की दिशा में शिवराज सरकार ने यह एक और कदम उठाया है। इसके लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग नियमों में संशोधन कर रहा है। इसे देखते हुए सहकारिता विभाग ने सहकारी समितियों द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकानों के लिए 1827 कनिष्ठ संविदा विक्रेता के पद के लिए चल रही नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी गई है।
प्रदेश में 25 हजार उचित मूल्य की दुकानों से चार करोड़ से अधिक व्यक्तियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न् वितरित किया जाता है। अधिकांश दुकानें सहकारी समितियां संचालित करती हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किए जा रहे कार्यों की सफलता को देखते हुए इन्हें दुकानों का संचालन सौंपने का निर्णय किया है।
खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग नियम में संशोधन करने जा रहा है। सहकारिता विभाग ने कनिष्ठ संविदा विक्रेता के 3626 पद स्वीकृत किए थे। एमपी आनलाइन के माध्यम से चयन प्रक्रिया कराई गई। इसमें 45 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने भाग लिया था।
दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद 1799 पदों पर नियुक्तियां दी गईं। जबकि, शेष 1827 पदों पर भर्ती के लिए नियम में संशोधन करके प्रावीण्य सूची में दूसरे स्थान पर रहे अभ्यर्थियों को मौका देने का निर्णय लिया गया। जिलों में यह प्रक्रिया अभी चल रही थी। सहकारिता विभाग ने बुधवार को नियुक्ति प्रक्रिया रोकने के निर्देश दिए हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जब समूहों द्वारा उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जाएगा तो विक्रेता भी उन्हीं का होगा इसलिए भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई है।