भोपाल। पश्चिम बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से पानी भरकर आए बादलों ने आधे मध्यप्रदेश में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए। राजधानी भोपाल सहित कई शहरों में लगभग 10 दिन तक सूर्य नारायण के दर्शन नहीं हुए परंतु मौसम का ताजा समाचार यह है कि बादल 6 दिन की छुट्टी पर हिमालय घूमने के लिए निकल गए हैं। 16 अगस्त के बाद दक्षिण की यात्रा पर वापस लौटेंगे।
ब्रेक मानसून
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून की अक्षीय रेखा हिमालय की तलहटी की ओर बढ़ रही है। पछुआ शुष्क हवाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं। फिलहाल मानसून टर्फ ट्रांजिशन फेज में है। इस स्थिति को ब्रेक मानसून के रूप में जाना जाता है। आर्द्र पूर्वी हवाएं बदलकर पश्चिम दिशा से चलने वाली गर्म और शुष्क हवाओं में बदल जाती हैं। बरसात रुक जाती है और तापमान बढ़ने लगता है।
हिमालय से दक्षिण की यात्रा पर बरसते हुए निकलेंगे
इस ब्रेक मानसून के दौरान, उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के आसपास के हिस्सों का मौसम शुष्क हो जाएगा। मानसून टर्फ का पूर्वी तेरा भी हिमालय की तलहटी के तरफ बढ़ रहा है। इसलिए तकनीकी रूप से ब्रेक मानसून देश के उत्तर पश्चिम और उससे सटे मध्य भाग में होगा। मौसम विभाग का मानना है कि 15 या 16 अगस्त के बाद, मानसून की अक्षीय रेखा एक बार फिर दक्षिण की ओर बढ़ना शुरू कर देगी। जिससे उत्तरी मैदानी इलाकों के साथ-साथ मध्य भारत के कुछ हिस्सों में बरसात शुरू हो जाएगी।