MP News: भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान 5.99 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति बेटियों के खातों में आनलाइन ट्रांसफर किए। भोपाल के मिंटो हाल में आयोजित लाड़ली लक्ष्मी कार्यक्रम में प्रदेशभर से बालिकाएं पहुंची हैं। सीएम शिवराज ने कार्यक्रम शुरू होने से पहले कन्याओं का पूजन किया। आध्यात्मिक गुरु मां आनंद मूर्ति भी कार्यक्रम में मौजूद हैं।
सीएम ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि बेटियों के कार्यक्रम में मामा का स्वागत नहीं होता। इसके बाद लाड़लियों ने मध्य प्रदेश गान प्रस्तुति किया। कार्यक्रम में लगभग 40 लाख लाड़ली लक्ष्मी और बेटियों को वर्चुअली भी जोड़ा गया। मध्य प्रदेश की प्रत्येक आंगनबाड़ी एवं पंचायत भवनों में वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा 60 लाख 62 हजार लाड़लियों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। 21650 लाड़लियों के खाते में राशि डाली।
अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि पहले योजना का विरोध हुआ। आज 47200 करोड़ रुपये बेटियों के लिए सुरक्षित रख दिया। मैं योजना बनाकर छुट्टी पाने वाला नहीं। आगे भी ऐसे नहीं छोड़ेंगे। माता-पिता की अलग जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हम ट्रेकिंग करेंगे। ऐसा नहीं कि घर में रोटी बनाओ। रोटी बनाना भी बुरा नहीं है। आगे बढ़ना है कुछ करना है। योजना में नया कर रहे। उनके भविष्य की चिंता करेंगे। सन्मार्ग की तरफ चलने की योजना बनाएंगे।
सीएम के अनुसार शिक्षा का बेहतर प्रबंध करेंगे। कालेज में एडमिशन लेने पर अतिरिक्त 25 हजार रुपये दिए जाएंगे। कालेज में जाने का समय निर्णायक है। इसकी योजना बना रहे। मप्र में लाड़ली लक्ष्मी दिवस और उत्सव मनाया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी की जन्म के समय ही प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली ग्राम पंचायत घोषित करेंगे। सरकारी नौकरी नहीं अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार दिलाएंगे। उद्योग सेक्टर में भी जा सकेंगे।व्यावसायिक संस्थानों में तुम्हारे प्रयास से एडमिशन हुआ तो 8लाख रुपये तक की फीस सरकार देगी। संस्थान सरकारी हो या निजी। हमने कानून बना दिया कोई इसे बदल नहीं पाएगा। शादी की चिंता भी मामा करेगा और शादी में भी आएगा। मैं चाहता हूं यह योजना विश्व में आ जाए। समाज को संदेश देने के लिए नवमी के दिन कार्यक्रम रखा गया है। माता पिता से कहा मेरी लाड़लियों का ध्यान रखना। और जरूरत हो तो बताना।
आनंदमूर्ति गुरू मां ने अपने संबोधन में कहा कि जिसका मनोबल अच्छा है, उसके पास कुछ भी न हो, तो भी वह कन्या गौरव से जी सकती है। ताकत भीतर से आनी चाहिए। ऐसा न हुआ तो आंसू नहीं सूखेंगे।बेचारी शबद कई बार परिवार से ही मिल जाता है। लड़कियों के स्कूल में विषय के रूप में कराते शामिल करें। उस जरूरत पर भाई का इंतजार न करना पड़े। गणित, विज्ञान में पास होना जरूरी है तो मार्शल आर्ट में क्यों न हो। यह व्यायाम भी है। इससे एकाग्रता बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा बाबू तो बना सकती है। लड़की को स्कूल में ही रोजगार परक शिक्षा दी जा सकती है। सोच के दायरे को खोलने की जरूरत है। मप्र में इतना काम हो रहा तो दूसरे राज्यों में क्यों नहीं हो रहा। क्या उनके पास पैसे नहीं है। स्व आश्रित कन्या किसी पर बोझ नहीं हो सकती।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश सरकार बालिकाओं के उज्जवल भविष्य, स्वस्थ जीवन के प्रति लगातार प्रयासरत है। बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंगानुपात में सुधार, बालिकाओं की शैक्षणिक स्थिति और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाने तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल 2007 को लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू की गई। योजना के प्रारंभ से अब तक मध्य प्रदेश भर की 39.81 लाख बालिकाएं लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत हो होकर लाभान्वित हो रही हैं।
मध्य प्रदेश सरकार बेटियों को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में भी अग्रसर है लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 आत्म-निर्भर लाड़ली से अब प्रदेश की हर बेटी सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेगी। स्नातक और व्यवसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को 2 साल की शिक्षा पूरी करने के बाद 20 हजार की राशि राज्य सरकार प्रदान करेगी। लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 आत्मनिर्भर लाडली के बेहतर बदलाव करने के लिए आमजन से सुझाव लेकर योजना में बदलाव भी किए जाएंगे। प्रदेश के हर जिले में साल में एक दिन लाड़ली लक्ष्मी उत्सव का आयोजन भी किया जाएगा।