MP निकाय चुनाव : शिवराज झाबुआ तो छिंदवाड़ा में जोर लगाते हुए नज़र आएंगे कमलनाथ
भोपाल। मध्य प्रदेश के 18 जिलों के 47 नगरीय निकायों में हो चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस पूरा जोर लगाती नजर आ रही है. खास बात यह है कि इनमें से ज्यादातर निकाय आदिवासी बहुल हैं, ऐसे में दोनों पार्टियां 2023 को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह से एक्टिव हैं. प्रचार के आखिरी दिनों में बीजेपी और कांग्रेस के सभी बडे़ नेता आज प्रचार में पूरी ताकत लगाते हुए नजर आ रहे हैं. आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा प्रचार में दम लगाएंगे तो कमलनाथ भी अपने गढ़ छिंदवाड़ा में पार्टी के लिए रणनीति बनाएंगे.
सीएम शिवराज झाबुआ और अलीराजपुर के दौरे पर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज झाबुआ और अलीराजपुर जिले के दौरे पर रहेंगे. सीएम झाबुआ में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करेंगे, जबकि दोपहर 1.25 बजे झाबुआ से थांदला पहुंचकर पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा करेंगे. इसके बाद वह शाम 3 बजे अलीराजपुर में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित कर भोपाल रवाना होंगे. इस दौरान सीएम शिवराज बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर निकाय चुनाव को लेकर अहम चर्चा करेंगे.
कमलनाथ छिंदवाड़ा में
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पिछले दो दिनों से छिंदवाड़ा में डेरा डाल रखा है. कमलनाथ आज भी छिंदवाड़ा में पार्टी के पक्ष में प्रचार करेंगे. कमलनाथ आज छिंदवाड़ा में पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, जबकि पार्टी के पक्ष में प्रचार भी करेंगे. बता दें कि हाल ही में हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा बढ़त छिंदवाड़ा जिले में मिली थी, ऐसे में पार्टी की कोशिश है कि इन चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया जाए. यही वजह है कि कमलनाथ खुद एक्टिव होकर पूरा जोर लगाते हुए नजर आ रहे हैं.
वीडी शर्मा भी छिंदवाड़ा में करेंगें रोड शो
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी आज छिंदवाड़ा के दौरे पर हैं. दरअसल, बीजेपी कमलनाथ के गढ़ को भेदने की तैयारी में बीजेपी जुटी हुई है, 2 दिन पहले ही सीएम शिवराज कमलनाथ के गढ़ में सभा करने पहुंचे थे, तो अब संगठन की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा कमलनाथ के इलाके में ही दीनदयाल के एकात्म मानववाद को जनता के बीच रखेंगे. वह छिंदवाड़ा जिले में दो अलग-अलग रोड शो भी करेंगे. इस दौरान वीडी शर्मा पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी करेंगे.
आदिवासी वोट बैंक पर फोकस
दरअसल, जिन निकायों में चुनाव हो रहा है, उनमें आदिवासी बहुल क्षेत्रों की नगर पालिका और नगर परिषद अधिक हैं. इनके जो परिणाम आएंगे, उसका असर आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर भी पड़ेगा. 2018 के विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 47 विधानसभा क्षेत्रों में 30 पर कांग्रेस ने जीत प्राप्त की थी, इनमें से अधिकांश सीटें 2008 और 2013 में भाजपा के पास थीं. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर जीत के लिए दोनों ही दल कार्ययोजना बनाकर काम कर रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस का खास फोकस आदिवासी वोट बैंक पर सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि दोनों पार्टियां इन निकाय चुनावों में इतनी एक्टिव नजर आ रही हैं.