MP में कोरोना कर्फ्यू लगाने या बढ़ाने के लिए कलेक्टर जन परामर्श लेकर निर्णय करेंगे
भोपाल। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार ने प्रदेश के कई जिलों में कोरोना कर्फ्यू लागू कर दिया है। हालांकि इन जिलों में अलग-अलग तरीके से प्रतिबंध लगाए जा रहे थे। इस बात की जानकारी शासन तक पहुंची, तो मंगलवार को गृह विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। ताकि पूरे प्रदेश में कर्फ्यू के दौरान होने वाली प्रतिबंध या छूटों में एकरूपता दिखाई दे।
शासन ने साफ कहा है कि यह लॉकडाउन नहीं है। यह कोरोना की परिस्थितियों को देखकर लिया निर्णय है। छूट वाली गतिविधि से जुड़े लोगों और वाहनों को किसी पास या ई-पास की जरूरत नहीं पड़ेगी। शासन ने साफ किया है कि कलेक्टर कोरोना कर्फ्यू लगा सकेंगे, पर सबसे पहले उन्हें व्यापक जन परामर्श करना होगा।
जनप्रतिनिधि, स्वयं सेवा संगठन, व्यापारिक और सामाजिक संगठन, रेसीडेंट वेल्फेयर कमेटी और स्थानीय निकायों से विचार विमर्श करना होगा। आम जनसहमति बनने के बाद ही आपदा प्रबंधन समिति अंतिम निर्णय लेगी। समिति के निर्णय पर अमल करने से पहले कलेक्टरों को शासन से स्वीकृति लेनी होगी। कलेक्टर चाहें तो रात्रिकाल, रविवार, शनिवार-रविवार या इससे अधिक अवधि के लिए कर्फ्यू लगा सकेंगे।
इन्हें मिलेगी छूट
अन्य राज्यों एवं जिलों से माल तथा सेवाओं का आवागमन।
अस्पताल, नर्सिंग होम, मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी, अन्य स्वास्थ्य सेवाएं।
दवा व्यापारी, किराना दुकानें (सिर्फ होम डिलेवरी के लिए), रेस्टोरेंट (सिर्फ टेक होम डिलेवरी के लिए), पेट्रोल पंप, बैंक एवं एटीएम, दूध और सब्जी की दुकानें-ठेले।
औद्योगिक इकाइयां, औद्योगिक मजदूर, उद्योगों के लिए कच्चा और तैयार माल, उद्योगों के अ;घिळर्-ऊि्झ।कारियों-कर्मचारियों के आवागमन।
एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, टेली कम्युनिकेशन, विद्युत प्रदाय, रसोई गैस, होम डिलेवरी सेवाएं, दू;घळर्-ऊि्झ। एकत्रीकरण-वितरण एवं परिवहन।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें।
केंद्र-राज्य और स्थानीय निकाय के अधिकारी-कर्मचारी का सरकारी काम से आवागमन।
इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, कारपेंटर आदि को सेवा प्रदाय के लिए आवागमन। – निर्माण गतिवि;घिळर्-ऊि्झ।यां (यदि मजदूर निर्माण परिसर में रुके हों।)
कृषि संबंधी सेवाएं (कृषि उपज मंडी, उपार्जन केंद्र, खाद-बीज, कीटनाशक दवाएं, कस्टम हायरिंग सेंटर्स, कृषि यंत्र की दुकानें।)
परीक्षा केंद्र आने-जाने वाले परीक्षार्थी तथा परीक्षा केंद्र एवं परीक्षा आयोजन से जुड़े कर्मी, अधिकारी
अस्पताल-नर्सिंग होम और टीकाकरण के लिए आवागमन करते नागरिक एवं कर्मचारी।
फसलों के उपार्जन से जुड़े कर्मचारी एवं उपार्जन केंद्र तक जाने वाले किसान।
बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट से आने-जाने वाले नागरिक।
आईटी कंपनियां, बीओपी या मोबाइल कंपनियों के सहयोगी कर्मचारी एवं शाखाएं।
अखबार बांटने वाले।
होटल (सिर्फ इन रूम डायनिंग व्यवस्था के साथ)।
अन्य गतिविधियां जिन्हें कलेक्टर कोरोना कर्फ्यू से मुक्त रखने के लिए उचित समझें।