MADHYAPRADESH

MP में भी होगी पांचवीं – आठवीं बोर्ड परीक्षा, तैयारी पूरी

MP में भी होगी पांचवीं - आठवीं बोर्ड परीक्षा, तैयारी पूरीभोपाल। पांचवीं-आठवीं को बोर्ड परीक्षा घोषित करने का फैसला संसद के शीतकालीन सत्र में हो जाता है तो राज्य सरकार इन कक्षाओं की अगली परीक्षा (अप्रैल 2018) बोर्ड ही रखेगी। स्कूल शिक्षा विभाग इसकी पूरी तैयारी कर चुका है और पिछले दो साल से दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर ली जा रही है। इस कारण एकाएक बोर्ड परीक्षा लेने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को पांचवीं-आठवीं की बोर्ड परीक्षा कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब ‘नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई)” की धारा-30 में संशोधन होना है। इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक लाया जाएगा।
प्रस्ताव से देश के 27 राज्य सहमत हैं। सबसे पहले मध्य प्रदेश सरकार की ओर से तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री पारसचंद्र जैन ने केंद्र सरकार से पांचवीं-आठवीं की परीक्षा बोर्ड करने की अनुमति मांगी थी। इस मसले पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में आधा दर्जन से ज्यादा बैठकें हुई हैं।
विभाग पूरी तरह से तैयार
प्रस्ताव भेजने के साथ ही राज्य सरकार ने दोनों कक्षाओं की बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। प्रदेश में पिछले दो साल से बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा कराई जा रही है। विभाग के अफसरों का कहना है कि प्रदेश में बोर्ड परीक्षा की पूरी तैयारी है। बच्चों को पैटर्न पता है, इसलिए उन्हें पेपर हल करने में दिक्कत नहीं होगी। बस, इंतजार है तो सिर्फ कानून में संशोधन का। यदि दिसंबर तक कानून में संशोधन होकर अधिसूचना जारी हो जाती है तो प्रदेश में अगले साल की परीक्षा बोर्ड ही होगी।
क्या है धारा-30 
आरटीई की धारा-30 में पहली से आठवीं तक के बच्चों की परीक्षा लेने और उन्हें फेल करने पर प्रतिबंध है। इसके तहत बच्चों का सिर्फ मूल्यांकन किया जा सकता है। यही कारण है कि राज्य सरकार वर्ष 2009 से परीक्षा के बजाय मूल्यांकन कर रही है।
शैक्षणिक स्तर सुधारने जरूरी परीक्षा 
प्रदेश का शैक्षणिक स्तर सुधारने के लिए दोनों कक्षाओं की परीक्षा बोर्ड करना जरूरी है। सरकार का दावा है कि छात्रों को फेल होने का डर नहीं रहा है। वहीं शिक्षकों का डर भी खत्म हो गया है। इस कारण शैक्षणिक स्तर लगातार गिर रहा है। हालात यहां तक बन गए हैं कि आठवीं पास छात्र को नौवीं में एडमिशन देने से पहले सरकार को प्रवेश परीक्षा कराना पड़ रही है, क्योंकि छात्रों को अपना और परिवार के सदस्यों का नाम लिखना भी नहीं आ रहा है। बुनियाद कमजोर होने के कारण हाईस्कूल का रिजल्ट बिगड़ रहा है।
तैयारी पूरी है
हमारी पूरी तैयारी है। शासन से आदेश मिलेंगे, तो हम समयसीमा में तैयारी कर लेंगे। पैटर्न में ज्यादा कुछ बदलाव की जरूरत नहीं है। – लोकेश जाटव, आयुक्त, राज्य शिक्षा केंद्र

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button