MP Board Exam Updates माध्यमिक शिक्षा मंडल(माशिम) द्वारा फरवरी के दूसरे सप्ताह से दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित की जा रही है।
17 फरवरी से परीक्षा शुरू होंगी।
कोविड 19 को लेकर भले ही देश फिर से कड़ी पाबंदियों की ओर जा रहा है लेकिन बोर्ड की तैयारियां बता रहीं हैं कि कुछ भी हो जाये इस साल तो परीक्षा होकर ही रहेगी। हालांकि इस सब के बीच माशिमं ने प्लान बी भी तैयार रखा है। बहरहाल दसवीं बारहवीं की बोर्ड परीक्षा की तैयारियों को लेकर यही बड़ी अपडेट है कि 17 फरवरी से परीक्षा शुरू होंगी।
बोर्ड की परीक्षा में साल-दर-साल विद्यार्थियों की संख्या कम हो रही है। इस साल भले ही पिछले साल के मुकाबले 57 हजार 680 विद्यार्थी अधिक हों, लेकिन केवल बारहवीं में 21 हजार विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है। जबकि 10 वीं की परीक्षा में विद्यार्थी बढ़े हैं।
सत्र 2021-22 में इन दोनों परिक्षाओं में 17 लाख 90 हजार विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। वहीं 2020-21 में विद्यार्थियों की संख्या लगभग 17 लाख 32 हजार थी। यह संख्या 2020 के मुकाबले 58 हजार 680 बढ़ी है। और 2019 में 19 लाख 38 हजार विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे।
पिछली कक्षाओं के परिणाम के आधार पर रिजल्ट तैयार किया गया
कोविड काल के कारण पिछले साल बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं की गई। पिछली कक्षाओं के परिणाम के आधार पर रिजल्ट तैयार किया गया। इस कारण वह सौ फीसद रहा, लेकिन पिछले तीन सालों में 65 फीसद से ऊपर रिजल्ट नहीं रहा है। बता दें कि दसवीं का परीक्षा परिणाम बढ़ाने के लिए बेस्ट आफ फाइव योजना लागू की गई। इसके बाद उस साल 66 फीसद परिणाम रहा था। वहीं, बीते दो सालों में 60 से 65 फीसद रिजल्ट रहा है। बारहवीं में 65 से 72 फीसद रिजल्ट रहा।
माशिम की कक्षा बारहवीं की वार्षिक परीक्षा 17 फरवरी से और दसवीं की 18 फरवरी से शुरू होगी। जनवरी के प्रथम सप्ताह में विद्यार्थियों के एडमिट कार्ड जारी कर दिए जाएंगे। विद्यार्थी माशिम की वेबसाइट से एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। इसके अलावा जारी होने वाले एडमिट कार्ड विद्यार्थी के संबंंधित स्कूल में भी भेजे जाएंगे। जहां से विद्यार्थी एडमिट कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।
कुछ दूसरे शहर में गए, आर्थिक परेशानी भी एक कारण
उत्कृष्ट विद्यालय की पूर्व प्राचार्य सुनीता सक्सेना का मानना है कि मप्र बोर्ड में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या में कोविड काल के कारण कमी हुई है। कोविड काल के कारण कई विद्यार्थी दूसरे शहर में चले गए और आर्थिक रूप से भी अभिभावक परेशान हुए हैं। यही कारण है कि विद्यार्थियों की संख्या में कमी आई है।