भोपाल। गंभीर चिंता की बात हो गई है। पूरे मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से कम हो रहा है लेकिन मरने वालों की संख्या कम नहीं हो रही। आज भी सरकारी रिकॉर्ड में 88 लोगों की मौत हो गई। विपक्षी दल लगातार सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह मरने वालों के आंकड़े छुपा रही है। मृत्यु के मामले में सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। अच्छी खबर यह है कि सरकारी रिकॉर्ड में संक्रमण की दर 6.3% रह गई है। इंदौर, भोपाल और जबलपुर को छोड़कर कोई जिला ऐसा नहीं है जान 200 से अधिक संक्रमित लोग मिले हो। इंदौर में क्या हो रहा है शायद भगवान ही बता सके, क्योंकि आज भी एक हजार से ज्यादा पॉजिटिव मिले हैं। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि 30 मई 2021 तक हालात नियंत्रण में आ जाएंगे और 1 जून 2021 से कर्फ्यू में ढील देना शुरू हो जाएगा।
मध्य प्रदेश में खतरनाक स्थिति वाले जिलों की संख्या 17
इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, रतलाम, रीवा, सागर, बैतूल, धार, शिवपुरी, सतना, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, अनूपपुर, सिंगरौली और दमोह ऐसे जिले हैं जहां कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या 1000 से अधिक चल रही है। इंदौर में 11000, भोपाल 11000, ग्वालियर 5000 और जबलपुर 3000 से अधिक के साथ सबसे खतरनाक स्थिति में है।
मध्य प्रदेश के जिले जहां स्थिति नियंत्रण में है
बुरहानपुर, भिंड, आगर मालवा, अलीराजपुर, अशोकनगर, निवाड़ी, श्योपुर, खंडवा, हरदा, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, छतरपुर, कटनी झाबुआ और मुरैना मध्यप्रदेश के ऐसे जिले हैं जहां एक्टिव केस की संख्या 500 से कम है। निश्चित रूप से इन जिलों में कलेक्टर एवं तमाम कोरोना कंट्रोल टीम सफलतापूर्वक काम कर रही है। यह सभी अभिवादन के पात्र हैं।