MP High court मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के महत्वपूर्ण आदेश में कहा “गया कि गुणदोष के आधार पर नियमित जमानत अर्जी की होनी चाहिए सुनवाई, प्रदेश के सभी डीजे को इस बावद निर्देश जारी कर दिए गये हैं।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक आदेश में कहा कि यदि कोई भी आरोपित कोर्ट में उपस्थित हो जाए तो उसे कोर्ट की कस्टडी में माना जाएगा। साथ ही उसकी नियमित जमानत अर्जी पर गुण-दोष के आधार पर सुनवाई भी अनिवार्य हो जाएगी। न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने इस आशय का आदेश पारित करते हुए हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश जारी कर दिए कि आदेश की प्रति मध्य प्रदेश के सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को भेज दी जाए।
ऐसा इसलिए ताकि वे राज्य के सभी विचारण न्यायालयों में इसे प्रसारित कर सकें। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपित द्वारा कोर्ट में हाजिर होने की सूरत में निचली अदालतों को सीआरपीसी की धारा-439 के तहत आरोपित की नियमित अर्जी पर सुनवाई करनी चाहिए। इसका गुणदोष के आधार पर फैसला करना चाहिए। महज इस तकनीकी आधार पर अर्जी निरस्त नहीं की जानी चाहिए कि आरोपित गिरफ्तार नहीं हुआ है। ऐसे मामलों में आरोपित को अनावश्यक रूप से जेल भी नहीं भेजा जाना चाहिए। नैसर्गिक न्याय-सिद्धांत का यही तकाजा है।