MP New Colony guidelines प्रदेश में अब किसी भी बिल्डर ने अनुमति लिए कालोनी बनाई तो उसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा। इतना ही नहीं अनुमति मिलने के बाद पांच साल के भीतर कालोनी का विकास करना होगा। यह अवधि एक साल अतिरिक्त शुल्क देकर बढ़ाई जा सकती है पर इसके बाद अनुमति नहीं मिलेगी।
वहीं, 31 दिसंबर 2016 के पहले अस्तित्व में आई लगभग छह हजार अवैध कालोनियों के रहवासियों को राहत देने के लिए भवन व भूखंड को वैध किया जाएगा। साथ ही वहां आंतरिक विकास भी कराया जाएगा। इसके लिए रहवासियों को शुल्क देना होगा। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मध्य प्रदेश नगर पालिका कालोनी विकास नियम को लागू कर दिया है। नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि जल्द ही कालोनाइजर नियमों को सख्त बनाया जाएगा
सरकारी भूमि पर बनीं अवैध कालोनी नहीं होंगी वैध
शासकीय, विकास प्राधिकरण, गृह निर्माण मंडल या स्थानीय निकाय की भूमि पर बनाई अवैध कालोनी को वैध नहीं किया जाएगा। सड़क, पार्क, खेल मैदान, सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्र, नदी, नालियों के क्षेत्र, अमोद-प्रमोद के क्षेत्र में बनी अवैध कालोनियां भी मान्य नहीं की जाएंगी। राज्य या राष्ट्रीय राजमार्ग या केंद्रीय या राज्य सरकार द्वारा किसी उद्देश्य विशेष के लिए अधिसूचित भूमि पर विकसित कालोनी भी वैध नहीं किया जाएगा। 31 दिसंबर 2016 के पूर्व अस्तित्व में आईं अवैध कालोनियों में ही विकास कार्य किए जाएंगे। इसके लिए बाकायदा लेआउट बनाया जाएगा।
कालोनीवासियों को देना होगा विकास शुल्क
ऐसी कालोनियां, जिनमें 70 प्रतिशत से अधिक निम्न आय वर्ग वाले निवास करते हैं तो विकास शुल्क का बीस प्रतिशत ही कालोनीवासियों से लिया जाएगा। बाकी 80 प्रतिशत राशि संबंधित निकाय द्वारा वहन की जाएगी। इससे भिन्न् श्रेणी की कालोनी के लिए 50 प्रतिश्ात विकास शुल्क कालोनी के रहवासियों को देना होगा और बाकी 50 प्रतिशत संबंधित निकाय वहन करेंगे। भवन या भूखंड स्वामी विकास शुल्क का भुगतान उसे बंधक रखकर भुगतान करना चाहता है तो इसकी अनुमति रहेगी।
अवैध कालोनी में भवन अनुज्ञा के लिए करना होगा आवेदन
भूखंड या भवन को वैध करने के लिए उसके स्वामी को आवेदन करना होगा। इसके लिए विधिवत शुल्क लिया जाएगा।
बंधक संपत्तियों को मुक्त किया जाना
50 प्रतिशत विकास कार्य पूर्ण होने पर 50 प्रतिशत भवन या भूखंड मुक्त किए जाएंगे। इसी तरह 75 प्रतिशत कार्य पूरा होने पर शेष 25 प्रतिशत और सौ प्रतिशत कार्य होने पर बाकी बंधक संपत्ति मुक्त कर दी जाएगी। यदि तय समय में कालोनाइजर निर्माण कार्य पूरा नहीं करता है तो फिर उससे मुक्त संपत्ति के बदले बैंक गारंटी के वसूली की जाएगी।