MP Panchayat Chunav मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव निरस्त करने अब कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। आज कैबिनेट ने चुनाव निरस्त करने का प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल के पास भेजा है। राज्यपाल प्रस्ताव पर मोहर लगाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव निरस्तीकरण के लिए दे आदेश दे सकते हैं।
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। OBC आरक्षण और वर्तमान हालातों को देखते हुए पंचायत चुनाव फिलहाल टाले जाएंगे। प्रदेश की शिवराज सरकार ने आज रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसे लेकर एक बड़ा फैसला लिया है, इसके तहत शिवराज सरकार पंचायत चुनाव से जुड़ा एक अध्यादेश राज्यपाल को भेजेगी। इस पर मंजूरी मिलने के बाद इसे चुनाव आयोग को भेजा जाएगा।इसके बाद संभावना जताई जा रही है कुछ समय के लिए पंचायत चुनावों को टाल दिया जाए।
इससे पहले मप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सर्वसम्मति से अशासकीय संकल्प पारित किया था, कि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना न हों, जिसे राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा और फिर आयोग तय करेगा कि चुनाव की प्रक्रिया जारी रहेगी या फिर इसे टाला जाएगा? हालांकि विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. गिरीश गौतम ने पंचायत चुनाव फिलहाल टलने के संकेत दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, OBC आरक्षण को लेकर भी मुख्यमंत्री शिवराज तथा पूरी सरकार संजीदा थी। बार बार सरकार बिना आरक्षण चुनाव नहीं करने पर बयान दे रही थी। और तो और OBC मतदाताओं की गिनती कराने कलेक्टरों से इसकी 7 जनवरी तक रिपोर्ट मांगी थी।
वही पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण और रोटेशन को लेकर कांग्रेस द्वारा लगाई गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में अब 3 जनवरी 2022 को सुनवाई होगी।
पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 9 (क) के अंतर्गत होने वाले पंचायत चुनाव के अध्यादेश को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित
मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने पंचायत चुनाव निरस्त कराने के लिए मुहर लगा दी है, इसका प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल के पास भेजा गया है। मध्य प्रदेश कैबिनेट द्वारा प्रदेश में पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 9 (क) के अंतर्गत होने वाले पंचायत चुनाव के अध्यादेश को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित कर महामहिम राज्यपाल को भेजने का निर्णय लिया है। इसी अध्यादेश के आधार पर मध्य प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन अब अध्यादेश के वापस लिए जाने पर राज्य निर्वाचन आयोग के पास चुनाव कराने का आधार नहीं रहा। राज्यपाल द्वारा प्रस्ताव पर मुहर लगाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव निरस्तीकरण के लिए निर्देश दे सकते हैं। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद डा. नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश सरकार पंचायत राज्य संशोधन अध्यादेश वापस ले रही है। इस पर विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत होना था, लेकिन नहीं हो सका। अब सरकार राज्यपाल से इस अध्यादेश को वापस करने का प्रस्ताव देंगे।
ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने शुरू से ही पंचायत चुनाव में बखेड़ा खड़ा करने का प्रयास किया है। कांग्रेस के लोगों ने कोई ऐसी अदालत नहीं छोड़ी जहां में पंचायत चुनाव के विरोध में नहीं गए। हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री शुरुआत से ही इस बात को लेकर प्रतिबद्ध थे कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव ना हो। सदन में अपरिहार्य कारणों से संशोधन विधेयक पारित नहीं हो पाया और सुप्रीम कोर्ट का भी जो आदेश था उसे मानने करते हुए इस अध्यादेश को महामहिम राज्यपाल को वापस करने का प्रस्ताव पारित किया है। अध्यादेश को पारित किए बिना ओबीसी आरक्षण और परिसीमन नहीं किया जा सकता है अब आगे की प्रक्रिया राज्य निर्वाचन आयोग को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि चुनाव कराना या ना कराना निर्वाचन आयोग को फैसला करना है सरकार ने अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी है।