Mp Police Commissionerate System के अधीन रहेगा शहरी अमला, देहात संभालेंगे SP- IG
Mp Police Commissionerate System के अधीन रहेगा शहरी अमला, देहात संभालेंगे SP- IG
Mp Police Commissionerate System भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद शहर में पुलिस अमला पुलिस आयुक्त के अधीन रहेगा। वहीं, देहात जोन में पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) कमान संभालेंगे। इसके लिए गृह विभाग ने भोपाल और इंदौर देहात जोन का पुनर्निर्धारण करके अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी रहेंगे।
ऐसा रहेगा देहात जोन
भोपाल (देहात) जोन -भोपाल देहात, विदिशा, राजगढ़ और सीहोर।
इंदौर (देहात) जोन – इंदौर देहात, झाबुआ, धार, आलीराजपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानुपर।
पुलिस आयुक्त – अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक-एक अतिरिक्त पुलिस आयुक्त- पुलिस उप महानिरीक्षक – दो (कानून व्यवस्था और अपराध व मुख्यालय) पुलिस उपायुक्त- पुलिस अधीक्षक- आठ (जोन, यातायात, अपराध, मुख्यालय, सुरक्षा व इंटेलीजेंस) अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक-10 (जोन, यातायात, अपराध।, मुख्यालय, इंटेलीजेंस एवं सुरक्षा, अजाक व महिला अपराध )सहायक पुलिस आयुक्त- पुलिस उप अधीक्षक- 33 (जोन, यातायात, साइबर, मानववध।, संपत्ति व आर्थिक अपराध।, पुलिस लाइन, मुख्यालय व प्रशिक्षण) सहायक रेडियो अधिकारी- पुलिस उप अधीक्षक (रेडियो)- एक
नोट- इंदौर में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त 12 और सहायक पुलिस आयुक्त 30 होंगे।
1981 में पहली बार कैबिनेट में आया था प्रस्ताव
मध्य प्रदेश के शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव वर्ष 1981 में पहली बार कैबिनेट में आया था। इसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की मंजूरी दी गई थी, लेकिन क्रियान्वयन नहीं हुआ। 27 मार्च 1997 को तत्कालीन दिग्विजय सरकार में वित्त मंत्री रहे स्वर्गीय अजय नारायण मुशरान, आरिफ अकील, नंदकुमार पटेल व अजय सिंह की समिति बनाई थी। समिति ने दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, अमरावती सहित शहरों का दौरा भी किया था, पर कोई निर्णय नहीं हो सका। वर्ष 2000 में दिग्विजय सरकार के दूसरे कार्यकाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने संबंधी विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया गया।
विधेयक पारित होने के बाद इसे अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया, लेकिन तत्कालीन राज्यपाल डा. भाई महावीर ने इस पर स्वीकृति नहीं दी। वर्ष 2012 में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने के संबंध में घोषणा की थी। वर्ष 2018 में राजस्व विभाग ने कमिश्नर प्रणाली को लेकर प्रस्ताव भी तैयार किया था, पर कैबिनेट में प्रस्तुत नहीं हो पाया था लेकिन अधिसूचना जारी करने की तैयारी हो गई थी।
हर अच्छे काम पर आपत्ति उठाती है कांग्रेस : डा.मिश्रा
गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डा.गोविंद सिंह द्वारा पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू किए जाने पर आपत्ति उठाने पर कहा कि कांग्रेस हर अच्छे काम पर आपत्ति उठाती है। भाजपा सरकार में लगातार पुलिस के हित में कदम उठाए जा रहे हैं। मतांतरण रोकने के लिए कानून बनाया है और अब पत्थरबाजों से सख्ती से निपटने के लिए कानून बनाने जा रहे हैं। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पुलिस आयुक्त प्रणाली को लेकर कहीं कोई विरोध नहीं है। आइएएस हों या आइपीएस, सब मिल-जुलकर प्रदेश को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए सरकार के साथ काम कर रहे हैं।