MP Promotion Rules 2022 के ड्राफ्ट सरकार ने तैयार कर लिया है। गत दिवस विधि विभाग ने पदोन्नति नियम 2022 के संशोधित सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) को लौटा दिए हैं। वित्त विभाग के मुताबिक हर साल एक जनवरी को पदों की गणना की जाएगी
नए पदोन्नति नियम के तहत यदि यह पद भरे हुए हैं तो अनारक्षित वर्ग से वरिष्ठता के आधार पर इन पदों को भरे जाने की प्रक्रिया पूरी होगी। वहीं नए प्रस्तावित नियम के तहत पहले आरक्षित संपर्क से उच्च पदों को भरा जाएगा। इसके बाद आरक्षित वर्ग के कर्मचारी अनारक्षित वर्ग में प्रमोशन पाते हैं तो उन्हें आगे की पदोन्नति अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों में ही दी जाएगी।
- क्लास 3 से ग्रेड 1, 2, 3 के लिए 5 साल की ग्रेडिंग के 12 अंक होने अनिवार्य है। क्लास टू के लिए 14 अंक और क्लास 1 के कर्मचारियों के लिए 15 अंक होना आवश्यक है।
- प्रमोशन में आरक्षण दिया जाएगा लेकिन यदि आरक्षित वर्ग के अधिकारी और कर्मचारी को नहीं मिला है तो आरक्षण शून्य घोषित कर दिया जाएगा।
- प्रतिवर्ष 1 जनवरी की स्थिति में आरक्षित वर्ग के प्रतिनिधित्व की स्थिति का आकलन किया जाएगा अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के अधिकारी कर्मचारियों को कितने प्रतिशत आरक्षण देय होगा, यह इस आधार पर तय किया जाना है।
- मेरिट कम सीनियरिटी के अनुसार पदोन्नति में मेरिट गोपनीय चरित्रावली के अंकों को आधार मानकर किया जाएगा। मेरिट में पांच श्रेणियों निर्धारित की गई है। A+ के लिए 4 यानी 5 साल के 20 अंक निर्धारित किए गए हैं। A के लिए तीन यानी 5 साल के लिए 15 अंक निर्धारित किए गए हैं। B के लिए दो अंक यानि 5 साल के 10 अंक और C के लिए 1 अंक यानी 5 साल के लिए 5 अंक निर्धारित किए गए हैं। D के लिए शून्य अंक निर्धारित की गई।
- वही मेरिट तय करने के लिए श्रेणी 3 के पदों की मेरिट के पहले चरण में सेक्शन ऑफिसर कर्मचारी की CR लिखेंगे। उसके परीक्षण अंडर सेक्रेट्री द्वारा किया जाएगा जबकि स्वीकृति डिप्टी सेक्रेटरी द्वारा दी जाएगी।
- श्रेणी 2 के मामले में CR का मामला अपर मुख्य सचिव तक पहुंचेगा जबकि श्रेणी एक के कर्मचारियों के पदों पर CR की स्वीकृति मुख्य सचिव स्तर पर की जाएगी।
- वही श्रेणी 1 और 2 के पदों पर पदोन्नति के मामले में यदि दोनों अफसरों के मेरिट के अंक समान हैं तो उनकी उम्र से उनकी वरिष्ठता का अनुमान लगाया जाएगा और वरिष्ठ कर्मचारियों को प्रमोशन दिया जाएगा।
इससे पहले 2016 के 30 अप्रैल को राज्य सरकार के 2002 के भर्ती नियम के आरक्षण रोस्टर को रद्द कर दिया गया था। इस नियम के हिसाब से जो पदोन्नति दी गई थी, उसे भी निरस्त किए गए थे