MP School Big Update: क्लास रूम में लगेगी शिक्षकों की फोटो, अपनी जगह दूसरे को नहीं भेज पाएंगे टीचर्स भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों की जगह कोई और पढ़ाई कराता है। ऐसे मामले प्रदेश में कई जगह सामने आए हैं। अब लोक शिक्षण संचालनालय ने आदेश जारी कर कहा कि स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों की फोटो-मोबाइल नंबर हर कक्षा में चस्पा किए जाएं। इससे छात्रों-अभिभावकों के साथ बाहर से आने वाले लोगों को पता चलेगा कि संबंधित व्यक्ति ही इस कक्षा का अध्यापक है। स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा कि शैक्षणिक काम-काज पारदर्शिता के साथ हो। इसके लिए शिक्षकों को संस्था में निर्धारित समय पर रहकर पढ़ाई करानी होगी।
बच्चों को पढ़ाने प्रधान पाठक ने वेतन पर रखी युवतियां, खुद रहते थे नदारद
पिपरिया (नर्मदापुरम). बनखेड़ी ब्लॉक के उमरधा ग्राम की शासकीय माध्यमिक शाला का सामने आया है। यहां गांव की दो युवतियां को किराए पर पढ़ाई का काम देकर प्रधान पाठक लापता रहते हैं। निरीक्षण के दौरान इस बात का खुलासा बुधवार को हुआ। अब प्रधान पाठक के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
दरअसल, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एसएल रघुवंशी ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का आकस्मिक भ्रमण करने गए थे। उनके साथ बनखेड़ी से प्रभारी शिक्षा अधिकारी राकेश रघुवंशी भी थे। अधिकारी जब उमरधा ग्राम की शासकीय माध्यमिक शाला पहुंचे तो प्रधान पाठक राजेश यादव स्कूल में नहीं थे। स्कूल में अतिथि शिक्षक के साथ दो और लड़कियां बच्चों को पढ़ा रही थीं। दोनों युवतियां शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल में पढ़ाने के लिए अधिकृत नहीं थी। स्कूल में प्रधान पाठक के साथ एक अतिथि शिक्षक की ही नियुक्ति है। छटवीं से आठवीं तक के करीब 75 बच्चे दर्ज हैं।
यहां भी मिलीं अनियमितता : बीईओ रघुवंशी ने बताया ग्राम पुरैना कला की एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला में सुबह 11.00 बजे केवल एक ही शिक्षक थे। बाकी सभी शिक्षक अनुपस्थित थे। ग्राम गुनौर में एकीकृत शाला सुबह 10.40 बंद मिली।
शासकीय शाला तलैया तुला में केवल अतिथि शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हुए मिले बाकी शिक्षक गैरहाजिर थे। शासकीय कन्या शाला उमरधा, चादौन, एकीकृत महगंवा का भी निरीक्षण किया गया है। रघुवंशी ने कहा जो शिक्षक गैरहाजिर थे, उनको कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। संबंधित के जवाब अगर संतुष्टि जनक नहीं होंगे तो संबंधित का वेतन काटा जाएगा।
बच्चे बोले- यहीं बहनजी पढ़ाने आती हैं
बच्चों से पूछताछ करने पर पता चला कि दोनों युवतियां बच्चों को नियमित रूप से पढ़ाने आती है। बच्चे उन्हें अपना शिक्षक समझते हैं। दोनों युवतियों ने पूछताछ मैं बताया कि स्कूल के प्रधान पाठक राजेश यादव ने उनको 2500-2500 रुपए मासिक वेतन पर स्कूल में पढ़ाने के लिए रखा था। वेतन का भुगतान प्रधान पाठक यादव द्वारा किया जा रहा था।