MP School News: स्कूल शिक्षा विभाग इस सत्र से सरकारी व निजी स्कूलों में भी पांचवीं-आठवीं की बोर्ड परीक्षा शुरू करेगा। इसके अलावा इस बार पहली बार बच्चों को प्री-बोर्ड परीक्षा से भी गुजरना होगा। प्री बोर्ड परीक्षा फरवरी या मार्च में और बोर्ड परीक्षा मार्च या अप्रैल में आयोजित की जाएगी। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने गाइडलाइन जारी कर दी है।
विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन में 5वीं व 8वीं परीक्षा के स्वरूप, प्रश्नपत्रों का पैटर्न और विद्यार्थियों का मूल्यांकन किस तरह होगा, इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें वार्षिक परीक्षा के प्रत्येक विषय का पूर्णाक 130 अंक का होगा।
छमाही परीक्षा का प्रत्येक विषय का पूर्णांक 50 अंक का होगा और इसका 20 प्रतिशत अधिभार वार्षिक परीक्षा में जुड़ेगा। इस तरह वार्षिक परीक्षा में लिखित का पूर्णांक 60 अंक का अधिभार 60 प्रतिशत और प्रोजेक्ट वर्क का 20 पूर्णांक का अधिभार 20 प्रतिशत को जोड़कर बोर्ड परीक्षा का परिणाम तैयार किया जाएगा।
इसके अलावा निजी स्कूलों में एससीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर प्रश्नपत्र होगा। राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से प्रश्नपत्र तैयार कर स्कूलों को भेजे जाएंगे। बता दें, कि प्रदेश के लगभग 16 लाख विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे।
डिटेंशन पालिसी लागू होगा
इस बार से 5वीं व 8वीं की परीक्षा में निर्धारित अर्हकारी अंक प्राप्त नहीं करने वाले विद्यार्थियों को पुन: परीक्षा का अवसर दिया जाएगा। इसके लिए दो माह बाद पुन: परीक्षा आयोजित होगी। पुन: परीक्षा में भी अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को उसी कक्षा में रोके जाने (डिटेंशन पालिसी) का प्रविधान होगा। प्रत्येक विषय में लिखित परीक्षा 60 अंक का 33 प्रतिशत यानी 20 अंक लाना होगा और उससे कम लाने वाले बच्चों के लिए पुन: परीक्षा ली जाएगी। इसके बार कोई फेल हो जाता है तो उसे उसी कक्षा में रोक लिया जाएगा।
2007-08 से बंद कर दी गई पांचवीं-आठवीं की परीक्षा
प्रदेश में 5वीं-8वीं के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा 2007-08 में बंद कर दी गई थी। निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने के बाद पहली से आठवीं तक के छात्रों की परीक्षा बंद कर वार्षिक मूल्यांकन शुरू कर दिया था। आरटीई के तहत किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जा सकता था। इससे मूल्यांकन में स्कूलों में सभी विद्यार्थियों को पास किया जाने लगा।
इससे कमजोर छात्र भी पास होने लगे। केंद्र की अनुमति मिलने के बाद मप्र शासन ने 2019 में आरटीई में संशोधन किया। इसके तहत पांचवीं-आठवीं के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा होगी। साथ ही फेल होने वाले विद्यार्थियों को आगे की कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। वर्ष 2019-20 में पांचवीं-आठवीं के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा आयोजित की गई, लेकिन कोरोना के चलते बाद में सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया। हालांकि सरकारी स्कूलों में 2021-22 से लागू की गई थी। इस सत्र से निजी स्कूलों में भी लागू होगा।
बोर्ड परीक्षा का पूर्णांक
प्रत्येक विषय का पूर्णांक 130 अंक का होगा
छमाही परीक्षा – अधिभार 20 प्रतिशत (पूर्णांक 50)
वार्षिक परीक्षा (लिखित)-अधिभार 60 प्रतिशत(पूर्णांक 60)
वार्षिक परीक्षा (प्रोजेक्ट कार्य)- अधिभार 20 प्रतिशत (पूर्णांक 20)
-इस बार 5वीं व 8वीं की बोर्ड परीक्षा निजी व सरकारी दोनों स्कूलों में लागू होंगी। परीक्षा को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। अगले माह से पंजीयन प्रक्रिया शुरू होगी।
धनराजू एस, संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र