MP Weather मध्य प्रदेश के मौसम के मिजाज में एक बार फिर बदलाव देखने को मिला है। रात के तापमान में हल्की वृद्धि होने से ठंड से राहत मिलना शुरू हो गई है। इसके चलते भोपाल में सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात न्यनूतम तापमान में डेढ़ डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो कि सामान्य से दो डिग्री कम रहा। वहीं अधिकतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो कि सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। इधर मध्य प्रदेश में सबसे कम न्यूनतम तापमान मंडला, बैतूल, रायसेन, नौगांव और रीवा में सात डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
हिल स्टेशन पचमढ़ी में भी न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस ही रिकार्ड किया गया है। वहीं मध्य प्रदेश में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस मंडला में रिकार्ड किया गया। इधर, पाकिस्तान और उससे लगे उत्तर भारत पर बने पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम का मिजाज बदलने लगा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक दो फरवरी को एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने से मध्य प्रदेश में ग्वालियर, चंबल, रीवा संभागों के जिलों में बादल छा सकते हैं। इन क्षेत्रों में कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ सकती हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि पाकिस्तान और आसपास बने वेदर सिस्टम से हवाओं का रूख बदला है। इससे फिलहाल कड़ाके की ठंड से राहत मिल गई है। दो फरवरी को एक तीव्र आवृत्ति वाले पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इसके प्रभाव से दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बनेगा। इसकी वजह से हवाओं के साथ वातावरण में नमी आने से ग्वालियर, चंबल, रीवा संभागों के जिलों में बादल छाने के साथ ही कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ सकती हैं।
पचमढ़ी में भी न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस ही रिकार्ड किया गया है। वहीं मध्य प्रदेश में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस मंडला में रिकार्ड किया गया। इधर, पाकिस्तान और उससे लगे उत्तर भारत पर बने पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम का मिजाज बदलने लगा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक दो फरवरी को एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने से मध्य प्रदेश में ग्वालियर, चंबल, रीवा संभागों के जिलों में बादल छा सकते हैं। इन क्षेत्रों में कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ सकती हैं।
पाकिस्तान और आसपास बने वेदर सिस्टम से हवाओं का रूख बदला है। इससे फिलहाल कड़ाके की ठंड से राहत मिल गई है। दो फरवरी को एक तीव्र आवृत्ति वाले पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इसके प्रभाव से दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बनेगा। इसकी वजह से हवाओं के साथ वातावरण में नमी आने से ग्वालियर, चंबल, रीवा संभागों के जिलों में बादल छाने के साथ ही कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ सकती हैं।