MSW और सीवरेज लाइन सहित कई मुद्दों पर घिरे अधिकारी
सवालों के पैने तीर छोड़े। कुछ सवालों के अधिकारियों ने जवाब दिए तो कुछ पर सत्तापक्ष और अधिकारी असहज भी नजर आए। कुल मिलाकर पार्षदों ने शहर हित से जुड़े मुद्दों पर नगर निगम के लापरवाह अधिकारियों को जमकर आड़े हाथ लिया। कुछ मामलों में तो सत्तापक्ष के पार्षद भी अधिकारियों के रवैये से नाखुश थे।
गर निगम परिषद की कल हुई बैठक हंगामाखेज रही। कांग्रेस के पार्षदों ने कई मुद्दों पर सत्तापक्ष को घेरा। एमएसडब्ल्यू योजना में भ्रष्टाचार, अफसरों की लापरवाही, सीवरेज लाइन में लेटलतीफी, अवैध कालोनियों की वैधीकरण, आईएचएसडीपी योजना में गडबड़ी, दुगाड़ी नाला चौड़ीकरण में अनियमितता एवं बिना एनओसी मोबाइल टॉवर लगाये जाने के मामलों को लेकर विपक्ष के पार्षदों ने सवालों के पैने तीर छोड़े। कुछ सवालों के अधिकारियों ने जवाब दिए तो कुछ पर सत्तापक्ष और अधिकारी असहज भी नजर आए। कुल मिलाकर पार्षदों ने शहर हित से जुड़े मुद्दों पर नगर निगम के लापरवाह अधिकारियों को जमकर आड़े हाथ लिया। कुछ मामलों में तो सत्तापक्ष के पार्षद भी अधिकारियों के रवैये से नाखुश थे।
बैठक में महापौर शशांक श्रीवास्तव मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता नगर निगम अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने की। उम्मीद थी की बैठक में मिशन चौक पर अण्डर ब्रिज निर्माण के प्रस्ताव पर चर्चा होगी, लेकिन यह मामला अगली बैठक के लिए टल गया। बैठक प्रारंभ होते ही प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष मिथलेश जैन ने नियम 17 के तहत आईएचएसडीपी योजना के संबंध में भवन निर्माण में गुणवश्रा की कमी व भ्रष्टाचार और आवंटन के संबंध में निगम प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को आड़े हाथ लिया। उन्होंने अध्यक्ष से मांग की कि आई. एच. एस. डी. पी. के अंतर्गत निर्मित भवनों में ठेकेदार द्वारा दरवाजे, खिड़की तक नहीं लगाये है और न ही पानी और बिजली की सुविधा प्रदान की गई है। शौचालय प्रारंभ होने से पहले ही जर्जर हो गये हैं और नगर निगम द्वारा संबंधित ठेकेदार को राशि का भुगतान कर दिया जिसकी जांच की जानी चाहिए। पार्षद मनोज गुप्ता ने अवैध कालोनी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि विगत कई वर्षों से अवैध कालोनियों को नियमित करने की कार्यवाही चल रही है जो कि नगर निगम अधिकारियों व कर्मचारियों की अकर्मण्यता से अभी तक पूर्ण नहीं हुई। वार्ड से लेकर केन्द्र तक स्वच्छता अभियान और शौचालय के लिए विज्ञापन दिखाये जा रहे है लेकिन वार्डों में विगत 2 वर्षों से व्यक्तिगत शौचालय, सार्वजनिक शौचालय व प्री कॉस्ट शौचालय का निर्माण प्रारंभ नहीं किया गया और दोषी ठेकेदार और अधिकारियों को संरक्षण दिया जा रहा है। पार्षद राहुल पटेरिया ने स्वाइन फ्लू, डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों पर चिंता करते हुए कहा कि अभी तक वार्डों में कीटनाशक दवाईयों का छिड़काव नहीं किया जा रहा और न ही इन गंभीर बीमारियों को रोकने के लिए अभियान प्रारंभ किये गये है।
पार्षद मौसूफ अहमद ने एम. एस. डब्ल्यू., मोबाइल टॉवर को लेकर नगर निगम प्रशासन को चेताया और कचरा संग्रहण को लेकर की जा रही कर वसूली को अनुचित बताया। पार्षद राजकिशोर यादव और राजेश जाटव पार्षद ने अमृतम के अंतर्गत हो रहे पाइप लाइन के कार्यों के प्रति असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उक्त कार्य में ठेकेदार द्वारा निश्चित समयावधि में संतोषजनक कार्य नहीं किये जा रहे है जिस पर कार्यवाही की जाये। बैठक में विपक्ष के पार्षदों जानकी राजाराम यादव, नासिर खान, फामिदा आफताब अहमद, जमुना कल्लू विश्वकर्मा, साक्षी गोपाल साहू, कल्पना अहिरवार, भागवती चौधरी ने जनहित के मुद्दों पर जमकर बहस की।
कब से शुरू होगा सीवरलाइन का काम
एमआईसी सदस्य अभिषेक ताम्रकार ने कहा कि सीवरलाइन योजना के कारण विकास कार्यों की गति धीमी पड़ गई है। नये प्रस्ताव स्वीकार नहीं किये जा रहे और न ही बजट की कार्यवाही हो रही। सीवर लाइन की डीपीआर एवं वर्क ऑर्डर की कॉपी भी पार्षदों को संबधित अधिकारियों द्वारा नहीं दी जा रही। जानकारी चाहने पर गोलमोल जवाब दिये जाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि अधिकारी यह बताऐं कि सीवरलाइन का काम कितने समय में पूरा हो जायेगा और 24 माह की तय समयसीमा कब से शुरू हो रही है। इस पर अधिकारियों का कहना था कि 30 अगस्त से कार्य प्रारंभ हो रहा है। बैठक में एल्डरमैन शिल्पी सोनी ने स्टेट बैंक से कचहरी चौक तक अधूरे पड़े नाला निर्माण का कार्य भी शीघ्र कराये जाने की ओर ध्यान आकृष्ट कराया।