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अब सतना जिला अस्पताल में भी 11 दिन में नौ नवजात शिशुओं की मौत

सतना। शहडोल के अस्पताल में नवजात शिशुओं के मौत का का सिलसिला थमा नहीं हुआ था कि अब सतना जिला अस्पताल में भी 11 दिन में नौ नवजातों की मौत हो गई। बड़ी बात यह है कि अब तक कोई भी बड़ा अधिकारी सामने नहीं आया है। इस बात की जानकारी लगने पर आनन-फानन में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बैठक बुलाई और जांच शुरू की। शुरुआती जांच में पता चला कि जिन नवजातों की मौत 11 दिन में हुई है उनकी ऑडिट रिपोर्ट ही तैयार नहीं हुई है। मीडिया तक मामला पहुंचने के बाद अब आनन-फानन में ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य अधिकारियों को दी गई है। सभी नवजातों की उम्र एक माह से कम की है। नौ बच्चों में चार बच्चे इन बार्न व पांच आउट बार्न में भर्ती थे।

नहीं थम रही मासूमों के मौत की घटनाएं

जिला अस्पताल में नवंबर माह में भी 40 मासूमों ने दम तोड़ा था जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा था। इस मामले में भी देरी से ऑडिट किया गया था। वहीं लगातार प्रदेश में हो रही बच्चों की मौत के बाद अब धीरे-धीरे कई जिलों में इस तरह के मामले उजागर होने लगे हैं। दरअसल माह भर में नवजातों की मौत के कारण ऑडिट समय से नहीं होने पर अधिकारी अपनी जवाबदारी से बच जाते हैं।

व्यवस्थाओं के बाद यह आलम

सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला अस्पताल में 31 मई 2018 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्रामा यूनिट का लोकार्पण किया था। लेकिन स्थिति यह कि अब भी यहां 10 स्टाफ नर्स सहित 12 वार्ड ब्वॉय की कमी बनी हुई है।

जिला अस्पताल में वेंटिलेटर की कमी नहीं है। मौजूदा समय में एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बार्न केयर यूनिट) में लगे तीन में से एक वेंटिलेटर शार्ट सर्किट के कारण जहां खराब हो चुका है। इसके अलावा इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) मैटरनिटी विंग, मेजर ऑपरेशन थियेटर में 2-2 और ट्रामा यूनिट में एक वेंटिलेटर लगा है।

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