Navratri 2022 2nd Day Maa Brahmacharini Puja: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान शिवजी से विवाह हेतु प्रतिज्ञाबद्ध होने के कारण ये ब्रह्मचारिणी कहलायीं। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप का आचरण करने वाली है।
माता ब्रह्मचारिणी की उपासना से जातक में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है। कठिन समय में मन विचलित नहीं होता है। देवी अपने भक्तों की मलिनता, दुर्गुणों और दोषों को नष्ट करती हैं। मां की कृपा से सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है।
मां ब्रह्मचारिणी मंत्र
ऊं भूर्भुवः स्वः ब्रह्मचारिणी। इहागच्छ इहतिष्ठ। ब्रह्मचारिण्यै नमः। ब्रह्मचारिणीमावाहयामि स्थापयामि नमः। पाद्यादिभिः पूजनम्बिधाय।।
ऊं त्रिपुरा त्रिगुणाधारां मार्गज्ञान स्वरूपिणाम्। त्रैलोक्य वन्दितां देवी त्रिमूर्ति पूजयाम्यहम्।।
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
पूर्ण करो सब मेरे काम। भक्त तेरे चरणों का पुजारी
रखना लाज मेरी महतारी।