New British Prime Minister: लिज़ ट्रस (Liz Truss or Lisa Truss) ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री चुनी गई हैं। अब तक ब्रिटेन के विदेश सचिव का पद संभालने वालीं लिज ट्रस अपदस्थ बोरिस जॉनसन के स्थान लेंगी। उन्होंने भारतीय मूल के ऋषि सुनक को हराया है। बता दें, ऋषि सुनक की हार रविवार को ही तय हो गई थीं और नए प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान सोमवार को होना था। जरवेटिव पार्टी में बहुमत विदेश मंत्री लिज ट्रस के पक्ष में नजर आ रहा था। ट्रस के प्रतिद्वंद्वी और पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने भी कह दिया थआ कि चुनाव हारने की स्थिति में वह नई सरकार का सहयोग करेंगे। इससे स्पष्ट है कि सुनक सांसद के रूप में ब्रिटेन में कार्य करते रहेंगे।
पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए अकाउंटेंट के रूप में भी काम किया। इसके बाद वह राजनीति में आ गईं। सबसे पहला चुनाव उन्होंने पार्षद का जीता था। परिवार लेबर पार्टी का समर्थक था, लेकिन ट्रस को कंजरवेटिव पार्टी की विचारधारा पसंद आई। ट्रस को राइट विंग का पक्का समर्थक माना जाता है।
2010 में ट्रस पहली बार सांसद चुनी गईं। ट्रस शुरुआत में यूरोपियन यूनियन से अलग होने के मुद्दे खिलाफ थीं। हालांकि, बाद में ब्रेक्जिट के हीरो बनकर उभरे बोरिस जॉनसन के समर्थन में आ गईं। ब्रिटिश मीडिया अक्सर पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थ्रेचर से उनकी तुलना करता है।
पीएम बनने पर अविलंब महंगाई से राहत देने वाले कदम उठाएंगी ट्रस
ऐसे समय में जब ब्रिटेन मंदी की आशंका, रिकार्ड दस प्रतिशत के पार महंगाई दर और औद्योगिक क्षेत्र में अशांति की चुनौतियों से जूझ रहा है, तब नए प्रधानमंत्री के सामने हालात को सामान्य बनाने की बड़ी चुनौती होगी। ब्रिटेन के समक्ष ये चुनौतियां ब्रेक्जिट के अलगाव, कोरोना संक्रमण के दौरान लगे लंबे समय के लाकडाउन और यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुई हैं।
ट्रस ने कहा है कि वह अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई कड़े निर्णय भी लेंगी। संडे टेलीग्राफ में लिखे लेख में ट्रस ने कहा है कि वह नागरिकों और कारोबार की रोजमर्रा की मुश्किलों को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगी। सबसे पहले आने वाले ठंडक के मौसम के लिए रणनीति बनाई जाएगी। अगर प्रधानमंत्री बनीं तो हफ्ते भर के भीतर बिजली के बिल कम करने और बिजली आपूर्ति बढ़ाने वाले कदम उठाए जाएंगे। इसके बाद अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाले कदम उठाए जाएंगे जिससे देश के विकास की गति बढ़े। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार ट्रस की पहले हफ्ते की योजना को अमल में लाया गया तो 100 अरब पाउंड का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ेगा।