Newyork: फ्लाइट में महिला पर पेशाब करने के मामले में क्या हो सकती है सजा? न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट के बिजनेस क्लास में बुजुर्ग महिला पर पेशाब किए जाने का मामला सामने आया है।
आरोप है कि पेशाब करने वाला व्यक्ति नशे में धुत था और शिकायत के बाद भी केबिन क्रू मेंबर्स ने उस पर कार्रवाई नहीं की है। मामला खुलने के बाद एयर इंडिया ने आरोपी व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और उसे ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में डाले जाने की सिफारिश की है।
ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि आखिर यह ‘नो फ्लाई लिस्ट’ है क्या? यह कब बना? इसके तहत क्या कार्रवाई होती है? क्या इस लिस्ट के खिलाफ अपील का प्रावधान है? और नो फ्लाई लिस्ट के तहत कार्रवाई कब हो सकती है? आइए जानते हैं…
नो फ्लाई लिस्ट क्या है?
नो फ्लाई लिस्ट द्वारा यात्रियों के व्यवहार का नियंत्रित किया जाता है। सीधे शब्दों में, यह कार्रवाई ऐसे यात्रियों के मामलों में की जाती है, जो मौखिक, शारीरिक या किसी अन्य प्रकार के आपत्तिजनक व्यवहार के माध्यम से यात्रा में व्यवधान उत्पन्न करते हैं। कार्रवाई के तहत यात्रियों पर एक निश्चित या फिर अनिश्चित समय के लिए भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इस सूची का संकलन व रखरखाव नागरिक उड्डयन निदेशालय द्वारा एयरलाइंस से मिले इनपुट के आधार पर किया जाता है।
नो फ्लाई लिस्ट का प्रावधान कब से है?
केंद्र सरकार ने 2017 में ‘द नेशनल नो फ्लाई लिस्ट’ नाम की एक समिति का गठन किया था, जिसे एयरलाइंस से मिले इनपुट के आधार पर डीजीसीए द्वारा संकलित (Compiled) और अनुरक्षित (Maintained) किया जाता है। नो फ्लाई लिस्ट केवल अनुसूचित और गैर-अनुसूचित उड़ानों में यात्रियों के व्यवहार को नियंत्रित करती है। यानी यह प्रावधान भारतीय ऑपरेटरों (घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय), सभी यात्रियों (भारत के भीतर या ऊपर यात्रा की अवधि के दौरान) पर लागू होते हैं।
यात्री पर क्या प्रतिबंध लगता है?
नो फ्लाई लिस्ट नाम की समिति यात्रियों द्वारा किए गए आपत्तिजनक व्यवहार को तीन श्रेणियों में रखता है। अगर व्यक्ति लेवल वन की श्रेणी में आता है, तो उस पर तीन महीने तक यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। लेवल टू की श्रेणी में छह महीने तक का प्रतिबंध, वहीं लेवल थ्री में न्यूनतम दो साल या अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
क्या प्रतिबंधित व्यक्ति फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है?
हां, प्रतिबंधित व्यक्ति अपील कर सकता है। ऐसे व्यक्ति के पास प्रतिबंध के आदेश के 60 दिनों के भीतर अपील करने का विकल्प होता है। यह अपील नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा गठित अपीलीय समिति के समक्ष की जा सकती है। इस समिति में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, एयरलाइंस के प्रतिनिधि व यात्री संघ के सदस्य शामिल होते हैं। अपीलीय समिति द्वारा किया गया निर्णय अंतिम होता है। हालांकि, इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है।