विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की ओर से जारी बयान में कहा गया, “हम ओआईसी के महासचिव के पीओके जाने और दौरे के समय जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी की सख्त आलोचना करते हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया, “ओआईसी पहले ही अपनी सारी विश्वसनीयता खो चुका है। वह कई मुद्दों पर लगातार सांप्रदायिक, एकतरफा और तथ्यात्मक रूप से झूठे पक्ष लेता रहा है। इसके महासचिव दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से पाकिस्तान के प्रवक्ता बन कर रह गए हैं।”
भारत ने एक बार फिर फटकार लगाई
इस्लामिक देशों के संगठन- ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) को भारत ने एक बार फिर फटकार लगाई है। कश्मीर को लेकर लगातार बयानबाजी के बाद अब इस संगठन के महासचिव ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) का दौरा किया है। साथ ही पीओके को लेकर टिप्पणियां भी कीं। इसे लेकर भारत ने नाराजगी जताई है। विदेश मंत्रालय की ओर से ओआईसी की इस हरकत की निंदा की गई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की ओर से जारी बयान में कहा गया, “हम ओआईसी के महासचिव के पीओके जाने और दौरे के समय जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी की सख्त आलोचना करते हैं। हम फिर कहना चाहते हैं कि ओआईसी का जम्मू-कश्मीर से जुड़े मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। यह भारत का एक अखंड हिस्सा है। भारत के आंतरिक मामलों में दखल और हस्तक्षेप की कोई भी कोशिश पूरी तरह अस्वीकार्य है।”
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया, “ओआईसी पहले ही अपनी सारी विश्वसनीयता खो चुका है। वह कई मुद्दों पर लगातार सांप्रदायिक, एकतरफा और तथ्यात्मक रूप से झूठे पक्ष लेता रहा है। इसके महासचिव दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से पाकिस्तान के प्रवक्ता बन कर रह गए हैं।”
क्या था कश्मीर पर ओआईसी का बयान?
गौरतलब है कि इस्लामिक देशों के संगठन के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने सोमवार को पीओके दौरे के बाद कहा कि कश्मीर विवाद ओआईसी के एजेंडे में सर्वोच्च प्राथमिकता पर है। दरअसल, ब्राहिम ताहा पीओके दौरे पर पहुंचे थे यहां उन्होंने कहा कि इस्लामिक देशों के संगठन भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का रास्ता ढूंढ रहा है ताकि कश्मीर विवाद का हल निकाला जा सके।
उन्होंने कहा था कि कश्मीर विवाद को लेकर अन्य देशों को साथ आने के लिए कह रहे हैं, ताकि इस मुद्दे पर जल्द से जल्द हल निकाला जा सके। हम पाकिस्तान समेत अन्य देशों से साथ इस विषय पर खाका तैयार कर रहे हैं। साथ ही ब्राहिम ताहा ने राष्ट्रपति आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कश्मीर में मौजूदा स्थिति को लेकर एक व्यापक मूल्यांकन रिपोर्ट भी संगठन को सौंपी जाएगी।
ब्रहिम ताहा ने कहा कि कश्मीर विवाद एक कूटनीतिक मुद्दा
ब्रहिम ताहा ने कहा कि कश्मीर विवाद एक कूटनीतिक मुद्दा है जिसकी चर्चा सड़क पर खड़े होकर नहीं की जा सकती। इसलिए हमको इस मसले पर अन्य देशों, संगठनों के समर्थन की आवश्यकता है। पीओके के राष्ट्रपति भवन में जब हिसेन ब्राहिम ताहा मीडिया से बात कर रहे थे, उस समय उनके साथ पीओके के राष्ट्रपति सुल्तान महमूद, प्रधानमंत्री सरदार तनवीर इलियास, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कश्मीर मामले में सलाहकार कमर जमान कायरा भी मौजूद थे।