Oilseed Seeds Cultivation In Chambal: चंबल के बीहड़ों में होगी तिलहनी बीजों की खेती,
Oilseed Seeds Cultivation In Chambal राष्ट्रीय बीज निगम एनएससी को मुरैना जिले के पांच गांवों में 5525 बीघा बीहड़ दिए गए हैं
Oilseed Seeds Cultivation In Chambal एसएसजी और आंचलिक अनुसंधान केंद्र के कृषि विज्ञानियों, तिहलनी बीजों की खेती के विशेषज्ञों की निगरानी में सरसों, तिल, सोयाबीन, मूंगफली, अरंडी, सोआ, सनफ्लावर आदि फसलों के उन्नत किस्म में बीज तैयार किए जाएंगे
राष्ट्रीय बीज निगम एनएससी को मुरैना जिले के पांच गांवों में 5525 बीघा बीहड़ दिए गए हैं।
चंबल के बीहड़ों में कृषि मंत्रालय तिलहनी बीजों की खेती करवाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) को मुरैना जिले के पांच गांवों में 1105 हेक्टेयर (5525 बीघा) बीहड़ दिए गए हैं। सबसे पहले लगभग 40 करोड़ रुपये खर्च कर जमीन को खेत बनाने के लिए समतल किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट का भूमि पूजन कृषि मंत्री व क्षेत्र के सांसद नरेंद्र सिंह तोमर छह सितंबर को करेंगे। राष्ट्रीय बीज निगम ने जिले के बीहड़ों में बीज फार्म हाउस विकसित करने की योजना 2020 में तैयार की थी। एनएसजी ने बीज फार्म हाउस के लिए जिला प्रशासन से आठ हजार (40 हजार बीघा) हेक्टेयर जमीन मांगी थी, लेकिन प्रशासन 1105 हेक्टेयर बीहड़ की जमीन देने पर ही सहमत हुआ है। इस क्रम में जखोना, रिठौरा, गड़ौरा और गुर्जा गांव के पास 855 हेक्टेयर (4275 बीघा) बीहड़ भूमि आवंटित की गई है, पिपरई गांव में 250 (1250 बीघा) हेक्टेयर जमीन आवंटन की प्रक्रिया चल रही है, जो इस पखवाड़े पूरी हो जाएगी। दो साल बाद यहां तिलहनी बीजों की खेती का काम शुरू हो जाएगा। जानकारों के अनुसार एक साल से ज्यादा समय इन बीहड़ों को समतल करके खेत बनाने में खर्च हो जाएगा।
केंद्र सरकार प्रोजेक्ट पर खर्च कर रही 100 करोड़ रुपये: बीहड़ों को समतल करके उनमें बड़े-बड़े फार्म हाउस (खेत) बनाए जाएंगे। इस जमीन में कृषि विभाग, एसएसजी और आंचलिक अनुसंधान केंद्र के कृषि विज्ञानियों, तिहलनी बीजों की खेती के विशेषज्ञों की निगरानी में सरसों, तिल, सोयाबीन, मूंगफली, अरंडी, सोआ, सनफ्लावर आदि फसलों के उन्नत किस्म में बीज तैयार किए जाएंगे, जो कम समय, कम सिंचाई में अधिक पैदावार दें। इस पूरे प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार 100 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जिसमें से 40 फीसद बजट बीहड़ों को समतल करने में खर्च होगा। बीज निगम बीजों की खेती मुरैना जिले के किसानों से ही कराएगा। खेती लायक बनाने के बाद अंचल के किसानों को जमीन लीज पर दी जाएगी।
जखोना, रिठौरा, गड़ौरा और गुर्जा में 855 हेक्टेयर जमीन एसएसजी को आवंटित कर दी है। पिपरई गांव में 250 हेक्टेयर जमीन आवंटन जल्द कर दिया जाएगा।
नरोत्तम भार्गव, अपर कलेक्टर, मुरैना
हमने तो आठ हजार हेक्टेयर जमीन मांगी थी, जिसमें से 1105 हेक्टेयर जमीन मिली है। सबसे पहले बीहड़ों को समतल करने का काम होगा।
चंद्रशेखर, एनएसजी के एजीएम व प्रोजेक्ट इंचार्ज